JP Nadda in Rajya Sabha: संसद में बजट सत्र के दौरान मंगलवार (11 फरवरी, 2025) को बीजेपी सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने राज्यसभा में संविधान की प्रतियों से इलेस्ट्रेशन हटाए जाने का मुद्दा उठाया, जिसके बाद सदन का माहौल गरमाया गया. सत्तापक्ष और विपक्ष में जमकर तनातनी देखने को मिली.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, ‘जब 1951 में संविधान इंप्लीमेंट हुआ. उस वक्त बाबा साहेब अंबेडकर जिंदा थे और नेहरू भी थे. उस वक्त संविधान सभा के सभी सदस्य थे. आपके मुखर्जी भी थे लेकिन आज आप नए-नए शब्द ला रहे हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘विवाद खड़ा करना अंबेडकर को बदनाम करने की कोशिश करना ये सब हो रहा है. संविधान के बारे में यहां जो व्याख्यान हुआ. मैं समझता हूं ये इसको अनावश्यक उठा रहे हैं. बाबा साहेब ने जो संविधान बनाया, ये उसको लेकर विवाद करना चाहते हैं.’
‘संविधान की जो कॉपियां पब्लिश हो रहीं, उसमें वो इलेस्ट्रेशन नहीं’
कांग्रेस अध्यक्ष के सवालों पर जवाब देते हुए बीजेपी सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘राधा मोहन दास अग्रवाल जी ने जो मुद्दा जीरो ऑवर में उठाया है ये बहुत ही महत्वपूर्ण है.’ इसके बाद विपक्ष की तरफ से आवाजें आने लगी कि बहुत ही गलत मुद्दा उठाया है. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘वर्तमान में संविधान की जो कॉपी पब्लिश हो रही है, उसमें वो इलेस्ट्रेशन नहीं है.
‘विपक्ष ने बनाया राजनीति का मुद्दा’
जेपी नड्डा में राज्यसभा में मूल संविधान दिखाते हुए कहा, ‘जो संविधान अभी पब्लिश हो रहा है उसमें ये कृतियां नहीं हैं. सरकार ये तय करेगी कि संविधान की भावनाओं के साथ छेड़छाड़ ना हो. मूल संविधान की तरह ही अब संविधान की बाकी कॉपियां भी पब्लिश हों.’ उन्होंने आगे कहा, ‘दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि विषय कुछ और था लेकिन विपक्ष ने इसे राजनीति का मुद्दा बनाकर फायदा उठाने की कोशिश की जो बहुत ही दुखद है. भारत रत्न भीमराव अंबेडकर जी हम सब के लिए आदरणीय हैं. उन्होंने संविधान को बनाने में जो भूमिका निभाई है, उसे देश कभी भूल नहीं सकता.’
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