Attari Wagah Border: पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्र सरकार की ओर से पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिए जाने के बाद पाकिस्तानी नागरिकों का पंजाब के अमृतसर में अटारी-वाघा सीमा चौकी मार्ग से स्वदेश लौटना जारी है.
हालांकि, पाकिस्तान में ब्याही गईं (भारतीय पासपोर्टधारक) कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया कि आवश्यक दस्तावेज साथ रखने के बावजूद उन्हें वापस जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वे भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने आई थीं, लेकिन सरकार की ओर से पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे की समयसीमा तय किए जाने के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है, लेकिन वे सीमा पार नहीं कर पा रही हैं.
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में लोकप्रिय पर्यटन शहर पहलगाम के पास मंगलवार (22 अप्रैल) की दोपहर आतंकवादियों की गोलीबारी में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे और कई घायल हो गए.
आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार ने की कार्रवाई
केंद्र ने पहलगाम हमले के तार सीमा पार से जुड़े होने के मद्देनजर बुधवार (23 अप्रैल) को पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करने, 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी भूमि-चौकी को तत्काल बंद करने सहित कई कदमों की घोषणा की.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और इस योजना के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय है.”
PM मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस ने पाकिस्तान के खिलाफ किए कई निर्णय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में ये निर्णय लिए गए. बैठक में घोषणा की गई कि अटारी में एकीकृत जांच चौकी को तुरंत बंद कर दिया जाएगा और जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान गए हैं, वे एक मई से पहले उस रास्ते से वापस आ सकते हैं.
पहलगाम हमले के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. केंद्र ने गुरुवार (24 अप्रैल) को पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा रविवार (27 अप्रैल) से रद्द करने की घोषणा की और पाकिस्तान में रहने वाले भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द घर लौटने की सलाह दी.
भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव से पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को निलंबित करने की भी घोषणा की. शुक्रवार (25 अप्रैल) को अटारी-वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तानी नागरिकों का स्वदेश लौटना जारी रहा.
पाकिस्तान में व्याही महिलाओं को सीमा पार करने में हो रही दिक्कत
कराची में ब्याही गई एक महिला शानिजा ने कहा कि वह अपनी मां से मिलने 15 दिन के लिए दिल्ली आई थी. उसकी मां हर्ट पेशेंट हैं. उसने आरोप लगाया कि उसे वापस जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. भारतीय पासपोर्ट रखने वाली शानिजा ने अटारी में मीडिया से कहा, “मुझे वापस जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. मेरे पति और ससुर वाघा सीमा के दूसरी ओर मेरा इंतजार कर रहे हैं.”
वहीं, अपने दो बच्चों के साथ भारत आई एक अन्य महिला ने भी मांग की कि उसे पाकिस्तान लौटने की अनुमति दी जाए. उसने दावा किया, “मेरे पास भारतीय पासपोर्ट है और मेरे दो बच्चों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट हैं. हमने सभी दस्तावेज, अपना विवाह प्रमाण पत्र दिखाया है, लेकिन वे हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं और कह रहे हैं कि वे भारतीय पासपोर्ट धारकों को सीमा पार नहीं करने देंगे.”
उसने कहा, “मेरी शादी वहां हुई है. मैं अपने बच्चों को वापस घर कैसे ले जाऊं?” अपनी दो बेटियों के साथ भारत आई अरूदा इमरान ने भी मांग की कि उसे पाकिस्तान लौटने की अनुमति दी जाए. उसने कहा कि उसकी शादी 20 साल पहले पाकिस्तान में हुई थी और तब से वह वहीं रह रही है. उसने कहा, “मैंने वहां की नागरिकता के लिए पहले ही आवेदन कर दिया है. मेरी बेटियां पाकिस्तानी नागरिक हैं. मेरे पास सभी जरूरी दस्तावेज हैं.” राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली इमरान अपने माता-पिता से मिलने आई थीं.
इसके अलावा, पंजाब के मलेरकोटला की रहने वाली राबिया ने कहा कि वह दो महीने पहले अपने माता-पिता से मिलने भारत आई थी. उसकी शादी तीन साल पहले पाकिस्तान में हुई थी.
भारतीय पासपोर्ट रखने वाली अफशीन जहांगीर नामक एक अन्य महिला ने कहा कि उसे पाकिस्तान वापस जाने की अनुमति दी जानी चाहिए. उसने कहा, “मैं यहां जहर खा लूंगी. हमें रोका जा रहा है. जोधपुर की रहने वाली जहांगीर ने कहा कि वह अपने माता-पिता से मिलने भारत आई थी. अफशीन ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे आज किसी भी कीमत पर सीमा पार करनी है, नहीं तो मैं यहां विरोध प्रदर्शन करूंगी. मेरे पास वीजा है और मैं घर वापस जा रही हूं.” उसने कहा कि वह 45 दिन के लिए भारत आई थी.