अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने की ब्याज दरों में कटौती, फिर क्यों Dow Jones-Nasdaq में आ गई सुनामी!

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने की ब्याज दरों में कटौती, फिर क्यों Dow Jones-Nasdaq में आ गई सुनामी!


United States Rate Cut News: अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला लिया है. दो दिनों तक चली फेड रिजर्व की बैठक के बाद 18 दिसंबर 2024 को सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में एक चौथाई फीसदी कटौती करने का एलान किया है और ब्याज दरों को 4.50 फीसदी से घटाकर 4.25 फीसदी कर दिया है. हालांकि नए साल 2025 में ब्याज दरों में कटौती के रूख को लेकर फेडरल रिजर्व बेहतर सतर्क है. 

2025 में 2 दफा ही ब्याज दरों में होगी कटौती

फेडरल रिजर्व ने साल 2025 में केवल दो दफा ब्याज दरों में कटौती किए जाने के संकेत दिए हैं. पहले 2025 में 4 रेट कट का अनुमान जताया जा रहा है. फेडरल रिजर्व ने अपने स्टेटमेंट में कहा, अमेरिका में इकोनॉमिक एक्टिविटी में तेजी आई है हालांकि सेंट्रल बैंक का मानना है कि महंगाई अभी भी ज्यादा है. फेड ने अपने स्टेटमेंट में कहा, महंगाई 2 फीसदी के लक्ष्य की ओर बढ़ी है लेकिन ये अभी भी ज्यादा है. हाल के महीनों में अमेरिका में महंगाई दर के बढ़ने के बाद नए साल में ब्याज दरों में कटौती किए जाने को लेकर अब शंका जताई जाने लगी है. 2025 के लिए महंगाई दर के अनुमान को सेंट्रल बैंक ने 2.1 फीसदी से बढ़ाकर 2.5 फीसदी कर दिया है. 

अमेरिकी शेयर बाजार धड़ाम 

फेडरल रिजर्व ने भले ही लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में एक चौथाई फीसदी की कटौती की हो लेकिन अमेरिकी शेयर बाजार को सेंट्रल बैंक के 2025 में ब्याज दरों में कटौती के रूख से निराश है. डाओ जोंस में 1100 अंकों की गिरावट आ गई.  S&P 500 3 फीसदी और नैसडैक कॉम्पोजिट 3.3 फीसदी जा लुढ़का.  

क्या होगा भारत पर असर 

फेड के ब्याज दरों में कटौती अनुमान के मुताबिक है लेकिन 2025 में 4 की जगह 2 कटौती से जरूर निराशा होगी. ज्यादा कटौती होने से भारत जैसे इमर्जिंग मार्केट में निवेश बढ़ने के आसार थे. वहीं भारत के सेंट्रल बैंक के लिए ये जरूर महत्वपूर्ण संकेत है. महंगाई दर के लक्ष्य से ज्यादा होने के बावजूद फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर रहा है जिससे अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके. जबकि आरबीआई इसे लेकर बेहतर सतर्क है. आरबीआई के नए गवर्नर के आने और नवंबर में महंगाई दर के घटने और आने वाले महीनों में और भी राहत के बाद नए साल में फरवरी महीने में होने वाले आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी में आरबीआई के भी अब ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही है. 

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