इस बैंक में नौकरी करते थे नई सीएम रेखा गुप्ता के पिता, हरियाणा से दिल्ली आने का यही था कारण

इस बैंक में नौकरी करते थे नई सीएम रेखा गुप्ता के पिता, हरियाणा से दिल्ली आने का यही था कारण


भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के नए सीएम के नाम को लेकर घोषणा कर दी है. दिल्ली का नया सीएम रेखा गुप्ता को बनाया जाएगा. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि हरियाणा की रेखा गुप्ता दिल्ली कैसे पहुंची. इसके साथ ही उन्होंने अपना सफर राजनीति में कैसे और कब शुरू किया. रेखा गुप्ता, जो आज दिल्ली की शालीमार बाग विधानसभा सीट से विधायक हैं, भारतीय जनता पार्टी के महत्वपूर्ण चेहरों में से एक हैं. रेखा गुप्ता न केवल एक वरिष्ठ नेता हैं, बल्कि वह दिल्ली भाजपा की महासचिव और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर भी कार्यरत हैं. 

इस वजह से हरियाणा से दिल्ली पहुंची थीं रेखा गुप्ता    

50 वर्षीय रेखा गुप्ता का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था. उनके पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में अधिकारी के पद पर कार्यरत थे. रेखा का परिवार 1976 में दिल्ली शिफ्ट हो गया, जब वह केवल दो साल की थीं. दिल्ली में आकर रेखा ने अपनी शिक्षा की शुरुआत की और यहीं से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का सफर तय किया.

दिल्ली यूनिवर्सिटी की रह चुकी हैं छात्र संघ की अध्यक्ष 

रेखा गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की पूर्व अध्यक्ष और महासचिव रह चुकी हैं. इसके साथ ही वह दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा की महासचिव भी रह चुकी हैं और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की सदस्य भी रही हैं. रेखा गुप्ता ने 1992 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. 1996-97 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष बनीं, जहां उन्होंने छात्र मामलों को लेकर कई अहम मुद्दों को उठाया. 

2007 में पहली बार बनी थीं पार्षद, रह चुकी हैं मेयर  

2007 में वह उत्तर पश्चिमी दिल्ली के पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं और वहां पर लाइब्रेरी, पार्क और स्विमिंग पूल जैसी सार्वजनिक सुविधाओं में सुधार किया. 2012 में भी उन्हें फिर से चुना गया और बाद में वह दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) की महापौर भी बनीं, जहां उन्होंने प्रशासनिक अनुभव हासिल किया. 

महिलाओं को उच्च शिक्षा दिलाने में की थी मदद 

रेखा गुप्ता ने “सुमेधा योजना” भी शुरू की, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिला छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करना था. महिला कल्याण और बाल विकास समिति की प्रमुख के रूप में उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए कई पहल कीं. रेखा गुप्ता ने हमेशा समाज के पिछड़े वर्गों और महिलाओं के लिए काम किया है और उनकी सशक्तिकरण की दिशा में कई योजनाएं चलाई हैं. उनका समाज सेवा में योगदान उनके परिवार की सार्वजनिक कल्याण में रुचि से प्रेरित रहा है. 

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