‘कम से कम कुछ तो प्रतिबंध लगा दीजिए’, बांग्लादेश ने शेख हसीना पर भारत से लगाई गुहार, जानें इसके

‘कम से कम कुछ तो प्रतिबंध लगा दीजिए’, बांग्लादेश ने शेख हसीना पर भारत से लगाई गुहार, जानें इसके


Bangladesh Interim Government: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से गुहार लगाई है कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को ढाका प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता तो कम से कम उन पर कुछ प्रतिबंध लगा दिए जाएं. विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने द हिंदू को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत हसीना पर कुछ प्रतिबंध लगाए ताकि वे भड़काऊ और झूठे बयान न दे सकें.

हुसैन ने कहा कि हसीना के बयानों से बांग्लादेश में लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है और स्थिति अस्थिर हो सकती है. उन्होंने कहा, “15 साल तक हसीना सत्ता में रहीं और उनके कार्यों को लेकर जनता में भारी नाराजगी है. इसलिए भारत सरकार को कम से कम उन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए.”

भारत-बांग्लादेश संबंधों पर तौहीद का बयान
तौहीद ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंध किसी भी एक नेता से प्रभावित नहीं होने चाहिए. उन्होंने 1996-97 के गंगा जल समझौते और 2001-2006 के बीएनपी शासनकाल का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध हमेशा मजबूत रहे हैं.

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में मोदी-यूनुस की बैठक की उम्मीद
अप्रैल में आगामी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस की मुलाकात हो सकती है. हुसैन ने कहा कि यह बैठक दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित होगी.

दक्षेस को पुनर्जीवित करने के लिए भारत से समर्थन की मांग
तौहीद हुसैन ने मस्कट में एक बहुपक्षीय सम्मेलन के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की. उन्होंने दक्षेस (SAARC) को पुनर्जीवित करने के लिए भारत का समर्थन मांगा.

बांग्लादेश की ‘हेकड़ी’ क्यों निकली?
शेख हसीना पर प्रत्यर्पण की मांग से पीछे हटना और अब भारत से प्रतिबंध लगाने की अपील करना दिखाता है कि बांग्लादेश सरकार की स्थिति कमजोर हो रही है. भारत के लिए यह कूटनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण स्थिति है क्योंकि उसे बांग्लादेश के राजनीतिक हालात को संतुलित तरीके से संभालना होगा.

बता दें कि अगर भारत शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने का फैसला लेता है तो इससे दोनों देशों के राजनीतिक संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि, अगर भारत इस अनुरोध को अस्वीकार करता है, तो यह देखना होगा कि बांग्लादेश की सरकार इसे कैसे लेती है.

ये भी पढ़ें: कब खत्म होगी रूस-यूक्रेन जंग? पुतिन बोले- जेलेंस्की से बात करने को तैयार, अगर…



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *