कौन हैं ऋषि भट्ट? जिनका पहलगाम अटैक का जिपलाइन वाला वीडियो हुआ वायरल

कौन हैं ऋषि भट्ट? जिनका पहलगाम अटैक का जिपलाइन वाला वीडियो हुआ वायरल


Pahalgam terror attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले ने पूरे भारत को हिला कर रख दिया है. इस हमले में गुजरात के एक पर्यटक ऋषि भट्ट और उनका परिवार बाल-बाल बचा. ऋषि भट्ट के एक जिपलाइन वीडियो के वायरल होने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. भट्ट ने आरोप लगाया कि जिपलाइन ऑपरेटर ने ‘अल्लाहू अकबर’ का नारा लगाया था और इसके तुरंत बाद पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं. यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद क्षेत्र में सबसे भीषण आतंकी हमला माना जा रहा है.

ऋषि भट्ट गुजरात के निवासी हैं. वे अपनी पत्नी और बेटे के साथ बैसरन मैदान में छुट्टियां बिताने आए थे. उन्होंने एक वीडियो में बताया कि कैसे अचानक गोलियों की बौछार के बीच वे और उनका परिवार अपनी जान बचाने में सफल रहे. ANI से बात करते हुए भट्ट ने उस दिन के खौफनाक अनुभव को शेयर किया. उन्होंने कहा कि उन्हें जिपलाइन ऑपरेटर पर गहरा शक है जिसने तीन बार ‘अल्लाहू अकबर’ चिल्लाया और फिर गोलियां चलने लगीं. ऋषि भट्ट के अनुसार, उनके सामने नौ लोग पहले से जिपलाइन कर चुके थे, लेकिन ऑपरेटर ने तब कोई शब्द नहीं कहा था. जब वे स्वयं स्लाइड कर रहे थे तभी नारेबाजी हुई और फायरिंग शुरू हो गई. इससे भट्ट को संदेह हुआ कि जिपलाइन ऑपरेटर की भूमिका संदिग्ध हो सकती है.

जिपलाइन से कूदने के बाद बचाई जान
भट्ट ने यह भी बताया कि जब वे जिपलाइन से नीचे कूदे तो 20 सेकंड बाद उन्हें एहसास हुआ कि यह एक आतंकी हमला है. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी बेल्ट खोली, नीचे कूदे और अपनी पत्नी व बेटे के साथ भागने लगे. रास्ते में उन्होंने देखा कि कुछ लोग एक गड्ढे में छुपे हुए थे, वे भी वहीं जाकर छिप गए. उन्होंने बताया कि उनके सामने दो परिवारों के पुरुष सदस्यों से उनका धर्म पूछा गया और फिर उन्हें गोलियों से भून दिया गया. भट्ट ने बताया कि इस घटना को उनकी पत्नी और बेटे ने अपनी आंखों के सामने देखा और दोनों चीखने लगे.

8 से 10 मिनट तक होती रही गोलीबारी
ऋषि भट्ट ने कहा कि गोलीबारी करीब 8 से 10 मिनट तक लगातार चलती रही. इसके बाद थोड़ी देर के लिए गोलियां थमीं, लेकिन कुछ ही देर में फिर से फायरिंग शुरू हो गई. भट्ट ने बताया कि उन्होंने अपनी आंखों से 15 से 16 पर्यटकों को गोली लगते देखा. जब वे गेट के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि अधिकतर स्थानीय लोग पहले ही वहां से जा चुके थे, जिससे स्थिति और भी डरावनी हो गई थी.

भारतीय सेना का किया शुक्रगुजार
भट्ट ने यह भी साझा किया कि भारतीय सेना लगभग 20 से 25 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गई थी और उन्होंने सभी फंसे हुए पर्यटकों को सुरक्षित कवर प्रदान किया. सेना के आने के बाद ही पर्यटकों को राहत महसूस हुई और धीरे-धीरे स्थिति नियंत्रण में आई. ऋषि भट्ट ने भारतीय सेना के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सेना ने समय पर पहुंचकर सैकड़ों लोगों की जान बचाई.





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