Delhi Elections 2025 Date Announcement Live: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. राजनीतिक दलो लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं. अब इस चुनाव की तारीख का भी ऐलान होने जा रहा है. निर्वाचन आयोग मंगलवार ( 7 जनवरी) को दिल्ली विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा.
आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए मंगलवार अपराह्न दो बजे प्रेस वार्ता बुलाई है. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है और नए सदन के गठन के लिए उससे पहले चुनाव होने हैं. दिल्ली में पारंपरिक रूप से एक ही चरण में विधानसभा चुनाव होते रहे हैं.
इस तारीख को खत्म होगा विधानसभा का कार्यकाल
15 फरवरी 2025 को दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने वाला है. अगर बीते विधानसभा चुनाव की बात करें तो साल 2020 में भी दिल्ली में फरवरी महीने में ही विधानसभा चुनाव हुए थे. इस विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत हुई थी. दिल्ली में लगातार 15 साल तक राज करने वाली कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है और वह एक भी सीट हासिल करने में विफल रही है. वहीं 2020 के चुनाव में आप ने 70 में से 62 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा आठ सीटें हासिल करने में सफल रही.
अंतिम मतदाता सूची जारी हुई
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच चल रही जुबानी जंग के बीच दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी गई है. भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची जारी करते हुए बताया कि कुल 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 मतदाता पंजीकृत हैं. इसमें से 84 लाख 49 हजार 645 पुरुष मतदाता हैं, जबकि 71 लाख 73 हजार 952 महिला मतदाता हैं.
आरोपों को बताया निराधार
4 जनवरी आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा ने जामनगर हाउस में नई दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर कथित मतदाताओं के नाम हटाए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी. उनके आरोपों को नई दिल्ली जिला निर्वाचन अधिकारी ने निराधार बताया है.
नई दिल्ली जिला निर्वाचन अधिकारी के एक्स अकाउंट से एक पोस्ट शेयर कर आरोपों को निराधार बताया गया है. पोस्ट में कहा गया है, “राज्यसभा सांसद संजय सिंह का आरोप है कि जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ), नई दिल्ली ने आपत्तिकर्ताओं का विवरण नहीं दिया और दावा किया कि डीईओ जानबूझकर मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटा रहे हैं, यह तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है और निराधार है.”