Pahalgam Terror Attack: अमेरिका ने जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकी हमले के बाद ‘हिंसक अशांति’ की आशंका के मद्देनजर इस केंद्रशासित प्रदेश के लिए और भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में ‘यात्रा नहीं करने’ संबंधी परामर्श जारी किया है.
सभी अमेरिकी नागरिकों के लिए यह एडवाइजरी बुधवार (23 अप्रैल 2025) को जारी किया गया. इससे एक दिन पहले ही आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे. यह 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला था.
‘लेह-लद्दाख को छोड़कर जम्मू कश्मीर की यात्रा न करें’
अमेरिका के विदेश विभाग की ओर से अमेरिकी नागरिकों के लिए जारी ताजा परामर्श में कहा गया है, ‘‘जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी हमले और हिंसक नागरिक अशांति संभव है. इस राज्य की यात्रा न करें (पूर्वी लद्दाख क्षेत्र और इसकी राजधानी लेह की यात्राओं को छोड़कर).
‘इस क्षेत्र में छिटपुट रूप से हिंसा होती है’
एडवाइजरी में अमेरिका ने साफ तौर पर कहा है कि इस क्षेत्र में छिटपुट रूप से हिंसा होती है और भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर यह आम बात है. यह कश्मीर घाटी के पर्यटन स्थलों: श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम में भी होती है.’’
‘भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर में न जाएं’
अमेरिका ने अपने नागरिकों से भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के क्षेत्र में जाने से भी बचने को कहा है, क्योंकि वहां “सशस्त्र संघर्ष की आशंका है.” भारत ने पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में बुधवार को 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने, साथ ही उसके सैन्य अताशे को निष्कासित करने की घोषणा की.
हमले के बाद भारत ने किए कई बड़े फैसले
भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर बुधवार को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती, छह दशक से ज्यादा पुरानी सिंधु जल संधि स्थगित करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले किए.