पाकिस्तान के एयरस्पेस बंद होने से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ा असर, DGCA ने जारी की गाइडलाइन

पाकिस्तान के एयरस्पेस बंद होने से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ा असर, DGCA ने जारी की गाइडलाइन


DGCA issued new guidelines : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए. जिसके जवाबी कार्रवाई के तौर पर पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है. हालांकि, पाकिस्तान के इस कदम का अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर बड़ा असर पड़ा है. इसे देखते हुए भारतीय विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइनों को यात्रियों की सुविधा को लेकर विशेष गाइडलाइन जारी की है.

DGCA ने बयान जारी कर नई परिस्थितियों के चलते एयरलाइन संचालन में आई समस्याओं की जानकारी दी है. DGCA ने कहा कि पाकिस्तानी एयर स्पेस के बंद होने के कारण अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय उड़ानों के मार्गों में बड़े बदलाव किया गया है. इसके अलावा तय समय की तुलना में उड़ानों की समयसीमा में (ब्लॉक टाइम) में बढ़ोत्तरी हुई है और संचालन या ईंधन जरूरतों के कारण रास्ते में तकनीकी ठहराव की संभावना सामने आई है.

DGCA ने तत्काल प्रभाव से गाइडलाइन्स को लागू कर दिया है और कहा कि यह गाइडलाइन्स अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी. इसके अलावा DGCA ने स्पष्ट किया है कि इन निर्देशों का पालन अनिवार्य है. यात्री सुरक्षा, सुविधा और नियमों के पालन में लापरवाही करने वाली एयरलाइनों पर नियामक कार्रवाई की जाएगी.

DGCA में एयरलाइन कंपनियों को जारी किए निर्देश

हालांकि, DGCA ने यात्रियों की सुविधा, पारदर्शिता और नियमों के पालन के लिए सभी एयरलाइनों को निर्देश जारी किया है. DGCA में सभी एयरलाइन कंपनियों से उड़ान से पहले यात्रियों से संवाद करने को कहा है. इसके अलावा यात्रियों को हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों के कारण उनके मार्ग में बदलाव और यात्रा के कुल समय में आपेक्षित समय में बदलाव की सूचना पहले देने का निर्देश दिया है.

DGCA ने एयरलाइन्स से कहा कि यात्रियों के इस बात की भी जानकारी दें कि यात्रा के दौरान किसी मध्यवर्ती हवाई अड्डे पर तकनीकी ठहराव हो सकता है. हालांकि, यह ठहराव केवल संचालन के लिए है और आमतौर पर यात्रियों को विमान से नीचे उतरने की आवश्यकता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि यात्रियों ने इस बात की जानकारी चेक-इन, बोर्डिंग गेट्स और संभव हो तो SMS या ईमेल अलर्ट के जरिए दी जाए.

उड़ान के दौरान खानपान और आराम व्यवस्था

  • उड़ान के बढ़े हुए समय को देखते हुए खानपान की व्यवस्था में बदलाव करें.
  • पूरे सफर के लिए यात्रियों को पर्याप्त भोजन और पेय पदार्थ उपलब्ध कराए जाएं.
  • अतिरिक्त जलपान (हाइड्रेशन) और सूखे स्नैक्स भी दिए जाएं.
  • विशेष भोजन संबंधी यात्रियों की मांगों का भी ध्यान रखा जाए.

चिकित्सा तैयारी और वैकल्पिक हवाई अड्डों की व्यवस्था

  • विमान में पर्याप्त मेडिकल किट और फर्स्ट-एड संसाधन उपलब्ध हों.
  • वैकल्पिक या तकनीकी ठहराव वाले हवाई अड्डों पर आपातकालीन चिकित्सा सहायता और जरूरत पड़ने पर ग्राउंड एम्बुलेंस की सुविधा हो.
  • केबिन क्रू को यात्रियों की थकान, असुविधा या मेडिकल इमरजेंसी को संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जाए.

ग्राहक सेवा और सहायता की तत्परता

  • कॉल सेंटर और रिजर्वेशन टीमों को संभावित देरी और शेड्यूल बदलने की जानकारी दी जाए.
  • कनेक्टिंग फ्लाइट्स के छूटने या देरी से निपटने की प्रक्रिया तय की जाए.
  • यदि देरी तय सीमा से अधिक हो जाए तो CAR प्रावधानों के अनुसार, यात्रियों के लिए मुआवजा देने की तैयारी रहे.

आंतरिक विभागीय समन्वय

  • उड़ान संचालन, ग्राहक सेवा, ग्राउंड हैंडलिंग, इन-फ्लाइट सेवाओं और मेडिकल सेवाओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित किया जाए.
  • उड़ान डिस्पैच/IOCC टीमों के साथ भी समन्वय बनाए रखें.



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