Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में आतंकियों द्वारा किए नरसंहार के विरुद्ध देश भर में गुस्सा देखने को मिला. इस हमले के विरोध में पूरे जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलमा, रजा एकेडमी ने भी इस हमले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
विरोध प्रदर्शन कर रहे एक शख्स ने इस दौरान ANI से बात करते हुए कहा कि जो लोग आतंक फैलाते हैं, वे सिर्फ आतंकवादी होते हैं. उनका कोई मजहब नहीं होता, कोई धर्म नहीं होता. वे इंसानियत के दुश्मन हैं. ऐसे लोगों के साथ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और जो देश इन आतंकवादियों को छिपाता है, पैसा और हथियार देता है, उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
‘सरहद पार के आतंकवादी कैंपों को पूरी तरह से नष्ट किया जाए’
प्रदर्शन में शामिल एक व्यक्ति ने कहा, “पहलगाम में जो हमला हुआ, जिसमें बेगुनाह लोगों की जानें गईं, वह बहुत ही दुखद है. ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलमा, रजा एकेडमी और कई दूसरी तंजीमें इसकी कड़ी निंदा करती हैं. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते हैं कि सरहद पार के आतंकवादी कैंपों को पूरी तरह से नष्ट किया जाए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो ये आतंकवादी देश के अमन और शांति को नुकसान पहुंचाते रहेंगे.”
‘आतंकवाद के खिलाफ सख्ती जरूरी’
वहीं, दूसरे व्यक्ति ने कहा, “आतंकवादी चाहे पाकिस्तान से हों या कश्मीर से, उनका कोई धर्म नहीं होता. आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी होते हैं. पाकिस्तान बार-बार ऐसे आतंकी कामों में शामिल पाया गया है इसलिए हम चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) पाकिस्तान को एक आतंकी देश घोषित करे.
‘देश में दहशतगर्दी अब बर्दाश्त नहीं’
एक और व्यक्ति ने दुख जाते हुए कहा, “हम भारत में आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे. जिसने भी ये हमला किया है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. लोग सड़कों पर निकलकर इसका विरोध कर रहे हैं. बहुत से लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और दुख व्यक्त कर रहे हैं.”
लाल चौक जो कभी आतंक की पहचान था, आज वहां से इंसानियत और इंसाफ की आवाज उठ रही है. बहुत सी महिलाएं और आम लोग वहां जमा हुए हैं और सभी लोग एक ही बात कह रहे हैं-“हमें इंसाफ चाहिए.”
‘हम सब एकजुट हैं’
प्रदर्शन में शामिल एक और शख्स ने कहा, “आज हर तबके के लोग, हर मजहब के लोग इस हमले के खिलाफ हैं. सबकी आंखों में आंसू हैं और दिल में गुस्सा. लोग कह रहे हैं कि अब बहुत हो गया. आतंकवाद को खत्म करना होगा. जो भी इसके पीछे हैं, उन्हें पकड़कर सख्त सजा दी जानी चाहिए क्योंकि ये इंसानियत का मामला है न कि किसी मजहब या जाति का.