Saudi Arabia Hajj 2025: हर साल लाखों मुसलमान हज यात्रा पर सऊदी अरब जाते हैं, लेकिन पिछले साल की हज यात्रा में अत्यधिक गर्मी के कारण करीब 1300 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी. इस दौरान मक्का में तापमान 51.8°C तक पहुंच गया था, जिससे तीर्थयात्रियों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
इस घटना के बाद सऊदी अरब की सरकार पर भीड़ प्रबंधन में नाकामी और गर्मी के प्रभावों से निपटने में विफलता के आरोप लगाए गए थे. विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना गर्मी के बढ़ते प्रभाव और प्रशासन की ओर से एहतियाती कदम न उठाने की वजह से हुए हैं.
पिछले साल इतने लोगों की गई थी जान
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, पिछले साल की हज यात्रा के दौरान रिकॉर्ड किए गए 1,301 मौतों में से 83% के पास आधिकारिक हज परमिट नहीं था. इसका मतलब था कि ये लोग आवश्यक सुविधाओं, जैसे वातानुकूलित टेंट का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे. कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के अनुसार, 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष साबित हुआ है. इससे यह साफ है कि भविष्य में भी गर्मी की चुनौतियां बनी रहेंगी और ऐसे में सऊदी अधिकारियों ने गर्मी से निपटने के लिए तैयारियां कर ली हैं.
इस साल सऊदी अरब क्या एहतियात बरत रहा है?
सऊदी सरकार गर्मी के खतरों को कम करने के लिए दीर्घकालिक उपायों पर विचार कर रही है. इनमें से एक कदम गर्मी में हाजियों के शरीर की निगरानी रखने के लिए सेंसर लगाया जाएगा. समाचार एजेंसी एएफपी ने कहा कि सऊदी अधिकारियों ने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है कि इस साल हज के दौरान गर्मी से निपटने के लिए क्या एहतियात बरते गए हैं, लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि आगामी हज यात्रा में सुरक्षा और व्यवस्थाएं पहले से कहीं बेहतर होंगी.
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