Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार (17 फरवरी, 2025) को मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वह जरूर वापस आएंगी और सुनिश्चित करेंगी कि पीड़ितों के परिवारों को उचित न्याय मिले.
एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, “मैं हर पीड़ित परिवार की मदद करूंगी और यह सुनिश्चित करूंगी कि उनके हत्यारे बांग्लादेश में कानून का सामना करें. मैं वापस आऊंगी और शायद इसीलिए अल्लाह ने मुझे जिंदा रखा है.”
‘पुलिस की गोली से नहीं मरे थे आंदोलनकारी’
उन्होंने दावा किया कि जुलाई-अगस्त में छात्र आंदोलन के दौरान मारे गए लोग पुलिस की गोलीबारी से नहीं मरे थे. शेख हसीना ने कहा, “अगर अभी पोस्टमार्टम कराया जाए तो यह साबित हो जाएगा कि वे पुलिस की गोलीबारी में नहीं मरे.”
उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की कार्रवाई का भी बचाव करते हुए कहा कि अधिकारियों ने अधिकतम संयम” दिखाया और केवल तभी कार्रवाई की जब उन पर हमला हुआ. उन्होंने कहा, “अबू सईद मामले में पुलिस ने तब कार्रवाई की जब उन पर हमला हुआ. मेरे हिसाब से पुलिस ने अधिकतम संयम बरता. पुलिसकर्मियों की हत्या एक सुनियोजित योजना के तहत की गई.”
‘मोहम्मद यूनुस शासन करने के लिए अयोग्य’
पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि मोहम्मद यूनुस शासन करने के लिए अयोग्य हैं. उन्होंने कहा, “यूनुस ने खुद स्वीकार किया है कि वह देश चलाने में असमर्थ हैं, फिर भी वह इसी रास्ते पर चल रहे हैं. सरकारी प्रतिष्ठानों और अधिकारियों पर हमला उनकी अक्षमता को दर्शाता है.”
उन्होंने यूनुस पर ढाका में अपने पुश्तैनी घर को जलाने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “बंगबंधु का घर जला दिया गया. मैंने वह घर जनता को दे दिया था और उसे भी नष्ट कर दिया गया. यह उनकी योजना थी.”
बांग्लादेश को बदला आतंकी राज्य में’
शेख हसीना में कहा, “जो लोग बांग्लादेश को आतंकवादी राज्य में बदल चुके हैं और जिनके कारण मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, वे एक दिन कानून का सामना करेंगे. उन्होंने दोहराया, “अल्लाह हमारे साथ है और मैं न्याय करूंगी.”
हसीना ने अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को लेकर सरकार के रवैये की आलोचना की. उन्होंने कहा, “छह महीने से ज़्यादा समय बीत चुका है, फिर भी भीड़ हिंसा जारी है. अब मैंने सुना है कि वह ऑपरेशन डेविल हंट शुरू करेंगे. वह देश चलाने में असमर्थ हैं. अर्थव्यवस्था संकट में है, कानून और व्यवस्था बिगड़ रही है और सार्वजनिक सुरक्षा खतरे में है.”