मंदी की चपेट में आए न्यूजीलैंड में हाहाकार, क्या जल्द सुधरेंगे हालात? वित्त मंत्री ने कही बात

मंदी की चपेट में आए न्यूजीलैंड में हाहाकार, क्या जल्द सुधरेंगे हालात? वित्त मंत्री ने कही बात


Recession in New Zealand: न्यूजीलैंड की हालत खराब होती जा रही है. यहां की इकोनॉमी साल की तीसरी तिमाही में एक बार फिर से आर्थिक मंदी की चपेट में आ गई है. इससे देश में मुद्रा का स्तर भी गिरा है और राजनीतिक आलोचनाओं का दौर भी शुरू हो चुका है. एक तरफ जहां विपक्ष मंदी के मुद्दे को लेकर हावी होता जा रहा है, वहीं न्यूजीलैंड फर्स्ट पार्टी, एक्ट पार्टी और न्यूजीलैंड नेशनल पार्टी द्वारा गठित रूढ़िवादी गठबंधन की सरकार ने अपना बचाव करते हुए कहा कि करदाताओं के धन के प्रति उनका सम्मान है. 

न्यूजीलैंड की GDP में भी आई गिरावट

न्यूजीलैंड पिछले कई महीनों से आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. इसके चलते दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर उपभोक्ता खर्च में कमी आई है क्योंकि लोग अपना बजट कम करने में लगे हैं. उधार लेने की लागत में इजाफा हुआ है और इसी के साथ न्यूजीलैंड आवास संकट का भी सामना कर रहा है.  

हाल के एक आंकड़े से पता चला है कि इन सबके चलते देश की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) में पिछले तीन महीनों यानी कि जुलाई-सितंबर की तुलना में अपेक्षा से अधिक 1.0 प्रतिशत की गिरावट आई है। जबकि विश्लेषकों ने 0.2 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था।

जल्द ही कुछ राहत की है उम्मीद

आंकड़ों से ये भी पता चला कि कोरोना महामारी (Covid-19) के दौरान हुई आर्थिक गिरावट की बात को छोड़ दें तो साल 1991 के बाद से न्यूजीलैंड की इकोनॉमी छह महीने की लंबी अवधि में आर्थिक मंदी का दौर झेल रहा है. देश के अधिकतर उद्योग इस मंदी की चपेट में आ गए हैं.

इस दौरान किवीबैंक (Kiwibank) ने कहा कि आने वाले समय में ब्याज दर में एक फीसदी कटौती होने की संभावना के साथ कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. यहां की सरकार ने अपने एक जारी बयान में कहा है कि यहां लोगों के दिए टैक्स के प्रति सम्मान भाव बढ़ाने के मकसद से इस रकम का उपयोग आर्थिक विकास के लिए किया जाएगा. 

इस बीच वित्त मंत्री निकोला विलिस (Nicola Willis) ने उम्मीद जताई है कि अगली तिमाही में यहां की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और साल 2025 का आगाज अधिक मजबूती से विकास के साथ होगा. 

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