Insurance Policy: मान लीजिए कि आपने कोई इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी और कुछ दिनों के बाद इसके रिटर्न आपको पसंद नहीं आए. ऐसी स्थिति में आप इंश्योरेंस पॉलिसी से पल्ला झाड़ना चाहते हैं. इसके लिए वह इंश्योरेंस पॉलिसी आपको रद्द करनी पड़ती है. आप चाहते हैं कि इंश्योरेंस पॉलिसी रद्द करने पर भी आपका इसमें लगाया हुआ पैसा वापस हो जाए, यानी आपको घाटा नहीं लगे. ऐसा केवल फ्री लुक अवधि के अंदर ही संभव है.
अभी पॉलिसी रद करने की फ्री लुक अवधि एक महीने है. यानी आप पॉलिसी खरीदने के एक महीने के भीतर ही इसे रद कर सकते हैं. लेकिन जल्दी ही आपको ऐसा करने का मौका एक साल तक मिलने वाला है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इंश्योरेंस कंपनियों से फ्री लुक पीरियड एक महीने से बढ़ाकर एक साल करने के लिए कहा गया है. अगर सरकार का यह फरमान है तो इंश्योरेंस कंपनियों को ऐसा करना ही होगा. जाहिर है कि इंश्योरेंस कराने वालों को साल भर तक इसे रद कराने का मौका मिलने वाला है.
इंश्योरेंस कराने वालों के हितों की होगी रक्षा
इंश्योरेंस का फ्री लुक पीरियड एक महीने से बढ़ाकर एक साल कर देने से इंश्योरेंस कराने वालों के हितों की रक्षा होगी. क्योंकि अलग-अलग कंपनियों के इंश्योरेंस पॉलिसी के रिटर्न की तुलना करने के लिए एक महीने का वक्त काफी नहीं होता है. इसके अलावा साल भर में किसी भी व्यक्ति का फाइनेंशियल कंडीशन बदल सकता है. हो सकता है कि वह कुछ महीनों बाद इंश्योरेंस का प्रीमियम अदा करने की स्थिति में नहीं रह जाय. इसलिए कम से कम एक साल तक इंश्योरेंस कराने वालों को इंश्योरेंस पॉलिसी पर विचार करने का मौका मिलना ही चाहिए.
इरेडा ने भी दे रखे हैं कई प्रस्ताव
इंश्योरेंस कराने वालों के हितों की रक्षा के लिए बीमा विकास नियामक प्राधिकरण यानी इरेडा ने भी कई प्रस्ताव दे रखे हैं. इसके मुताबिक, पॉलिसी रिफंड के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर और इंश्योरेंस क्लेम के भुगतान को सक्षम बनाने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को प्रपोजल फेज में ही बीमाधारक के बैंक खातों की डिटेल इकट्ठा करना चाहिए.
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