अखिलेश यादव ने अपने भाषण में कर दी कौन सी गलती, जिसे किरेन रिजिजू ने उनके सामने ही गिना दिया

अखिलेश यादव ने अपने भाषण में कर दी कौन सी गलती, जिसे किरेन रिजिजू ने उनके सामने ही गिना दिया


संसद के मानसून सत्र में मंगलवार (29 जुलाई, 2025) को समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद और चीन की ओर से भारत के जमीन पर कब्जा करने की बात कही. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा के पटल पर चीन की ओर से भारत के उत्तर-पूर्व हिस्से में अरुणाचल प्रदेश और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब गलवान घाटी, पैंगोंग लेक, रजांग ला का क्षेत्रफल आज के समय में क्या है, इसका जवाब सरकार को देना चाहिए. वहीं, सपा प्रमुख की ओर से लोकसभा में सवाल उठाए जाने पर केंद्र सरकार में संसदीय मामलों और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसका जवाब दिया.

अखिलेश यादव ने लोकसभा में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “देश में सुरक्षा के साथ राजनीति करने वाले वो लोग (भाजपा), जो अपने चुनावी भाषण में यह कह रहे थे कि हम छह महीने में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को वापस ले लेंगे, हम अक्साई चीन ले लेंगे, इसलिए मैंने सरकार से सवाल किया है कि जिस समय सरकार में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई, उस वक्त भारत का क्षेत्रफल क्या था और आज के समय में भारत का क्षेत्रफल क्या है?”

चीन कई जगहों पर कर रहा कब्जा: अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का हवाला देते हुए कहा, “हमारे मंत्री जी (किरेन रिजिजू) जिनका क्षेत्र बिल्कुल सीमा (चीन सीमा के करीब) है, उनसे बेहतर कोई नहीं जानता होगा कि आखिरकार पड़ोसी देश (चीन) ने हमारी कितनी जमीन पर कब्जा कर रहा है.” उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी सरकार को हमेशा चेताया है कि असली चुनौती और प्रतिद्वंद्विता किस देश से है, कौन पूर्वोत्तर की सीमाओं में घूसकर अतिक्रमण कर रहा है.”

केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने अखिलेश यादव को दिया जवाब

सपा प्रमुख की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने अखिलेश यादव को जवाब दिया. उन्होंने कहा, “1962 में जब 10 अक्टूबर को चीन ने भारत पर हमला किया था, मेरे गांव से होते हुए असम के मिसामारी तक चीन की सेना पहुंची थी. फिर वहां से 21 नवंबर को सीजफायर करके वह पूरे के पूरे वापस चले गए. जो जगह ने चीन ने अपने कब्जे में करके रखा है, लॉन्गजू, वो 1959 में कब्जा किया, जब वहां हमारे असम राफल्स का कैंप था और 1962 में लॉन्गजू से थोड़ा आगे की जमीन पर कब्जा किया. उसके (1962 के) बाद से चीन अरुणाचल प्रदेश के न एक इंच अंदर घुसा है और न ही अरुणाचल प्रदेश की एक इंच जमीन को भी अपने कब्जे में नहीं लिया है.”

यह भी पढ़ेंः ‘सरकार के भरोसे पहलगाम गए थे लोग, हमले की जिम्मेदारी किसकी?’, संसद में प्रियंका गांधी ने उठाया सुरक्षा में चूक का मुद्दा



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *