Pema Khandu: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा है कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी (तिब्बती नाम यारलुंग त्सांगपो) पर जो विशाल डैम बना रहा है, वह भारत के लिए “वाटर बम” जैसा खतरा बन सकता है. उन्होंने इसे सैन्य खतरे से भी बड़ा मुद्दा बताया और कहा कि यह डैम हमारे आदिवासी समुदायों, आजीविका और जीवन के लिए विनाशकारी हो सकता है.
पानी छोड़ दिया तो सियांग बेल्ट हो जाएगा तबाह
खांडू ने चेताया कि अगर डैम बन जाने के बाद चीन अचानक पानी छोड़ देता है तो अरुणाचल की सियांग बेल्ट पूरी तरह बर्बाद हो सकती है. खासतौर पर आदि जनजाति और अन्य समूहों की भूमि, संपत्ति और जीवन गंभीर खतरे में आ जाएंगे.
चीन नहीं है जल-साझेदारी समझौते का हिस्सा
मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय जल-साझेदारी संधि का सदस्य नहीं है, इसलिए वह भारत, बांग्लादेश और असम की ओर बहने वाले ब्रह्मपुत्र बेसिन में पानी छोड़ने के लिए बाध्य नहीं है. अगर चीन इस संधि का हिस्सा होता, तो यह डैम भारत के लिए फायदेमंद भी हो सकता था और बरसाती बाढ़ से भी राहत मिल सकती थी. मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि अगर चीन ने अंतरराष्ट्रीय जल संधियों पर हस्ताक्षर किए होते, तो यह डैम परियोजना भारत के लिए समस्या नहीं, बल्कि एक वरदान बन सकती थी. उन्होंने बताया कि इन समझौतों के तहत किसी भी देश को नदी के निचले हिस्सों में जलीय जीवन बनाए रखने के लिए एक तय मात्रा में पानी छोड़ना जरूरी होता है.
दुनिया का सबसे बड़ा डैम, 60,000 मेगावॉट बिजली
चीन ने 2024 में 137 अरब डॉलर की लागत वाले इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. यह डैम 60,000 मेगावॉट बिजली पैदा करेगा और इसे दुनिया का सबसे बड़ा जलविद्युत डैम माना जा रहा है. इसे 2021 में चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग की बॉर्डर यात्रा के बाद घोषित किया गया था.
चीन पर भरोसा नहीं
खांडू ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मुद्दा यह है कि चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. कोई नहीं जानता कि वह कब क्या कर देगा. यह डैम भारत के लिए सैन्य खतरे से भी ज्यादा बड़ा मुद्दा है.’