संसद के मानसून सत्र में सोमवार को लोकसभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई के बीच तीखी बहस हुई. बहस का फोकस रहा कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और पारदर्शिता. गौरव गोगोई ने सवाल किया कि इस ऑपरेशन के दौरान भारत के कितने राफेल विमान नष्ट हुए. उन्होंने रक्षामंत्री से जवाब मांगा कि अगर कुछ विमानों को नुकसान पहुंचा है तो क्या यह देश के लिए गंभीर क्षति नहीं है?
गौरव गोगोई के सवाल
गोगोई ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के एक इंटरव्यू का हवाला दिया जिसमें उन्होंने बताया था कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में भारत को हवाई क्षति हुई, लेकिन उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी. इसी को आधार बनाकर गोगोई ने संसद में कहा, ‘भारत के पास सिर्फ 35 राफेल विमान हैं, यदि उनमें से कुछ भी गिरे हैं तो यह भारी नुकसान है.’
उन्होंने सरकार पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए पूछा, ‘देश जानना चाहता है-100 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पहलगाम हमले के दोषियों को अब तक न्याय के कठघरे में नहीं लाया गया.’
सिर्फ जनता नहीं, जवानों से भी छुपाया गया सच
गोगोई ने मांग की कि सरकार यह स्पष्ट करे कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत के कितने विमान क्षतिग्रस्त हुए और कितने दुश्मन के ठिकाने नष्ट किए गए. उन्होंने कहा, ‘सच सिर्फ जनता के लिए नहीं, हमारे जवानों के लिए भी जरूरी है, जिन्हें शायद सरकार की तरफ से सही जानकारी नहीं दी जा रही.’
राजनाथ सिंह का पलटवार
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘कुछ विपक्षी सदस्य पूछ रहे हैं कि हमारे कितने विमान गिरे, लेकिन यह सवाल राष्ट्रीय भावना को नहीं दर्शाता. उन्हें यह पूछना चाहिए था कि हमारे वायुसेना ने कितने दुश्मन विमानों को गिराया.’
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को रेखांकित करते हुए कहा, ‘हां, हमने आतंकी ठिकाने तबाह किए. हां, ऑपरेशन सफल रहा. हां, कई आतंकवादी मारे गए और हमारे एक भी सैनिक को नुकसान नहीं पहुंचा.’
गोगोई का मोदी सरकार पर तीखा हमला
गोगोई ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमले की जवाबदेही जम्मू-कश्मीर के एलजी पर नहीं डाली जा सकती. यह जिम्मेदारी गृहमंत्री की बनती है.’
गोगोई ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का हवाला देते हुए कहा कि ट्रंप ने ’26 बार’ दावा किया कि उन्होंने व्यापार के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने की कोशिश की. उन्होंने सवाल किया कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसके सामने झुकाव दिखाया?’
अगर पाकिस्तान घुटनों पर था, तो हम रुके क्यों?- गौरव गोगोई
गोगोई ने मोदी सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘अगर पाकिस्तान झुकने को मजबूर था, तो हम पीछे क्यों हटे? जब प्रधानमंत्री कहते हैं ‘हमने घर में घुसकर मारा’, तो अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी वही बयान दोहराया जा रहा है. यदि यह ऑपरेशन अधूरा है, तो यह कैसे सफल कहा जा सकता है?’
उन्होंने कहा कि सरकार खुद कह रही है कि यह युद्ध नहीं था, जमीन लेने का इरादा नहीं था, तो फिर पाकिस्तान- अधिकृत कश्मीर (PoK) कब लिया जाएगा? ‘सबसे भीषण आतंकी हमले आपकी सरकार के दौरान हुए हैं,’ उन्होंने कहा.
गोगोई बोले- सच छिपाया जा रहा है
गोगोई ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अपनी कमजोरी छुपा रही है और यहां तक कि पहलगाम हमले का दोष टूर ऑपरेटरों पर डाल दिया गया. उन्होंने कहा, ‘यह सरकार इतनी कायर है कि वह आतंकवाद की जिम्मेदारी भी दूसरों पर डालती है.’ उन्होंने दोहराया कि रक्षामंत्री ने अपने भाषण में बहुत कुछ कहा, लेकिन यह नहीं बताया कि आतंकी पहलगाम कैसे पहुंचे और अब तक उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई.