अगले पांच सालों में देश का मेट्रो रेल नेटवर्क बढ़कर हो जाएगा दोगुना!

अगले पांच सालों में देश का मेट्रो रेल नेटवर्क बढ़कर हो जाएगा दोगुना!


Economic Survey 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अगले आम बजट में देश भर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट्स के लिए खजाने का पिटारा खोल सकती है. देश भर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट्स की नींव रखने के लिए एक फाइव-ईयर स्कीम शुरू करने की उम्मीद है. इसका मकसद पूरे भारत में मेट्रो और इंटरसिटी रैपिड रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाना है. 

तेजी से आगे बढ़ेगा देश का मेट्रो और रैपिड रेल नेटवर्क

फिलहाल देश के 11 राज्यों के 23 शहरों में मेट्रो और रैपिड रेल का नेटवर्क लगभग 1,000 किलोमीटर है. इसके अलावा, 985 किलोमीटर पर काम अभी जारी है. फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए रैपिड ट्रांजिट सिस्टम और मेट्रो रेल प्रोजेक्ट्स पर सरकार ने 24,785.94 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. नाम ना जाहिर करने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, शहरों में ट्रैफिक कम करने के लिए सरकार मेट्रो कनेक्टिविटी बढ़ाना चाहती है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 2025-26 के बजट में एक ठोस कार्यक्रम के पेश होने की संभावना है. 

भारत ने हासिल कर ली यह उपलब्धि

देश में मेट्रो और रैपिड रेल प्रोजेक्ट्स पर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम करती है. सरकारी अधिकारियों ने इस साल के बजट में मौजूदा रेल नेटवर्क इसके आकार से दोगुना करने का संकेत दिया है. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने साल 2022 में ही जापान के मेट्रो रेल नेटवर्क की लंबाई को पार कर लिया है. भारत का मेट्रो रेल नेटवर्क लंबाई के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है. भारत अब इस लिस्ट में दूसरा स्थान हासिल करना चाहता है. इधर, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2024 के अंत में दिल्ली, बेंगलुरु, ठाणे और पुणे में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है. 

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को संसद में आम बजट पेश करेंगी. 

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