बंदरगाह से लेकर ऊर्जा क्षेत्र तक में कारोबार करने वाले अडानी समूह की कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024-25 में अभी तक का सर्वाधिक प्री-टैक्स मुनाफा करीब 90,000 करोड़ रुपये दर्ज किया है. उनके पास 21 महीने के कर्ज भुगतान के लिए नकदी शेष है. ये जानकारी कंपनी की तरफ से गुरुवार (22 मई, 2025) को दी गई.
समूह की इन कंपनियों की ब्याज, टैक्स, मूल्यह्रास एवं परिशोधन (EBITDA) से पहले की आय छह वर्षों में तीन गुना हो गई. यह वित्त वर्ष 2018-19 के 24,870 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 89,806 करोड़ रुपये रही.
इन कंपनियों की कर पूर्व आय वित्त वर्ष 2023-24 के 82,976 करोड़ रुपये के मुकाबले पिछले वित्त वर्ष में 8.2 प्रतिशत बढ़ी. इनकी छह वित्त वर्षों (2018-19 से लेकर 2024-25 तक) में वार्षिक वृद्धि दर 24 प्रतिशत रही. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए समूह का शुद्ध लाभ 40,565 करोड़ रुपये रहा और छह साल की वार्षिक वृद्धि दर 48.5 प्रतिशत रही.
अडानी ग्रुप पर 2.36 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध लोन
समूह ने एक बयान में कहा कि उसकी सकल संपत्तियां छह वित्त वर्षों में 25 प्रतिशत से अधिक की सालाना वृद्धि के साथ 609,133 लाख करोड़ रुपये हो गईं. अडानी समूह का कुल कर्ज पिछले वित्त वर्ष में बढ़कर 2.9 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि 2023-24 में यह 2.41 लाख करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2024-25 के अंत में समूह के पास मौजूद 53,843 करोड़ रुपये की नकदी को ध्यान में रखें तो उस पर शुद्ध लोन 2.36 लाख करोड़ रुपये था.
समूह ने कहा कि उनके पास मौजूद नकदी 21 महीनों की कर्ज सेवा दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. बयान के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में परिसंपत्ति पर रिटर्न (आरओए) 16.5 प्रतिशत पर पहुंच गया जो दुनिया भर की ढांचागत कंपनियों के सबसे अधिक स्तरों में से एक है.
अदाणी समूह के समूह मुख्य वित्त अधिकारी जुगशिंदर रॉबी सिंह ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 का एक प्रमुख आकर्षण 16.5 प्रतिशत का परिसंपत्ति पर रिटर्न आना है, जो वैश्विक स्तर पर किसी भी बुनियादी ढांचा व्यवसाय में सबसे अधिक स्तरों में है. ये अडानी समूह के आकर्षक परिसंपत्ति आधार और सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली परिसंपत्तियों को लगातार तैयार करने की क्षमताओं को रेखांकित करता है. अडानी समूह ने कहा कि उसकी कर-पूर्व आय का 82 प्रतिशत योगदान अत्यधिक स्थिर प्रमुख ढांचागत मंच का है.
ये भी पढ़ें:
अमेरिका संग ट्रेड डील पर सामने आया बड़ा अपडेट, भारत चाहता है 26 परसेंट टैरिफ से पूरी तरह छूट