अफगानिस्तान में भूकंप के बाद मलबे के फंसी रहीं औरतें, मदद करने आगे नहीं आया कोई आदमी, जानें क्य

अफगानिस्तान में भूकंप के बाद मलबे के फंसी रहीं औरतें, मदद करने आगे नहीं आया कोई आदमी, जानें क्य


अफगानिस्तान के सदियों पुराने रीति-रिवाज, जिन्होंने हमेशा से ही महिलाओं को पीछे रखा, एक बार फिर से महिलाओं के लिए दर्दनाक साबित हो रही हैं. अफगानिस्तान के उन्हीं रीति-रिवाजों में आज के समय में यह भी सुनिश्चित किया है कि घातक भूकंप और जबरदस्त आफ्टरशॉक्स के बाद भी महिलाओं को या तो सबसे आखिर में बचाया जाए या बिल्कुल भी न बचाया जाए. देश में कुछ ही दिनों पहले आए भयानक भूकंप ने सैंकड़ों इमारतों को मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया. इस भूकंप के झटके इतने तीव्र और खतरनाक थे, जिसके कारण अब तक कम से कम 2,200 लोगों की मौत हो गई.

अफगानिस्तान में पुरुषों को महिलाओं को छूने पर पाबंदी

क्योंकि अफगानिस्तान में पुरुषों को महिलाओं को छूने पर सख्त पाबंदी लगा दी गई है. ऐसे में महिला बचावकर्मियों के अनुपस्थिति में मलबे में फंसी वे महिलाएं जो किसी तरह जिंदा तो बच गईं थीं, लेकिन फिर भी उन्हें मलबे में से खींचकर बाहर नहीं निकाला जा रहा था. हालांकि, मृत महिलाओं को उनके कपड़ों से खींचकर बाहर निकाला जा रहा था.

चार साल पहले तालिबान ने अफगानिस्तान में फिर से सत्ता पर कब्जा करने के बाद महिलाओं पर कई कड़े प्रतिबंध लागू किए. अब देश के कई हिस्सों में भूकंप से मची तबाही के बाद फैले मलबे के अलावा तालिबान के लैंगिक नियमों पर राहत और बचाव कार्यों को प्रभावित कर रहे हैं.

किसी बचावकर्मी ने महिलाओं की नहीं की मदद

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीबी आयशा ने कहा कि उन्होंने हमें एक कोने में इकट्ठा किया और फिर हमारे बारे में भुल गए.’ कुनर प्रांत में बीबी आयशा के गांव अंदरलुकाक में आए भूकंप ने रविवार (31 अगस्त, 2025) को पूर्वी अफगानिस्तान के पहाड़ी इलाकों को हिलाकर रख दिया. भूकंप से मची तबाही के करीब 36 घंटों के बाद पहला राहत और बचाव कर्मी उस क्षेत्र में पहुंचा था.

रिपोर्ट के मुताबिक, किसी ने भी महिलाओं की मदद नहीं की, न ही उनसे यह पूछा कि उन्हें क्या चाहिए और न ही कोई उनकी ओर आगे बढ़ा. जहां इमरजेंसी टीमें घायल पुरुषों और बच्चों को तुरंत बाहर निकाल रही थीं, वहीं 19 वर्षीय आयशा सहित कई अन्य महिलाएं और लड़कियों को किनारे धकेल दिया गया, जिनमें से कुछ खून से लथपथ थीं. लेकिन कई मृत महिलाओं को उनके कपड़ों के जरिए खींचकर बाहर निकाला गया.

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