<p style="text-align: justify;"><strong>USA News:</strong> अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की है कि अमेरिका अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर अपनी सैन्य उपस्थिति फिर से स्थापित करने पर विचार कर रहा है. ट्रंप का दावा है कि वर्तमान में इस एयरबेस पर चीन का नियंत्रण है और अमेरिका यहां एक छोटी सैन्य टुकड़ी तैनात करके चीन के बढ़ते प्रभाव को नियंत्रित करना चाहता है.</p>
<p style="text-align: justify;">वहीं तालिबान ने ट्रंप के चीन के कब्‍जे के दावे को खारिज किया है. आइये जानते हैं कि बगराम एयरबेस अमेरिका के लिए इतना जरूरी क्यों है और चीन की नजर इस पर क्यों है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बगराम एयरबेस का रणनीतिक महत्व</strong></p>
<p style="text-align: justify;">बगराम एयरबेस अफगानिस्तान के परवान प्रांत में स्थित है और यह अमेरिका के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है. यह एयरबेस चीन के परमाणु ठिकानों से मात्र एक घंटे की दूरी पर स्थित है, जिससे अमेरिका यहां से चीन पर निगरानी रख सकता है. 1950 के दशक में सोवियत संघ द्वारा निर्मित इस बेस का उपयोग 1979 में अफगानिस्तान पर आक्रमण के दौरान रूसी सेना के मुख्य ठिकाने के रूप में किया गया था. बाद में 2001 में अमेरिका ने इस पर कब्जा कर इसे अपने सबसे बड़े सैन्य अड्डों में से एक बनाया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>तालिबान ने खारिज किया दावा </strong></p>
<p style="text-align: justify;">ट्रंप के दावे के विपरीत तालिबान ने बगराम एयरबेस पर चीन के नियंत्रण के आरोपों को खारिज किया है. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने इन दावों को ‘भावनात्मक’ और ‘गलत सूचना पर आधारित’ बताया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान में चीनी सैनिकों की उपस्थिति नहीं है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जानें क्यों बगराम एयरबेस है इतना अहम</strong></p>
<p style="text-align: justify;">बगराम एयरबेस, जिसे कभी ‘अफगानिस्तान की गुआंतानामो जेल’ कहा जाता था, में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा अल-कायदा के आतंकवादियों से पूछताछ की जाती थी. इस विशाल बेस में 10,000 अमेरिकी सैनिकों के रहने की क्षमता थी, जिसमें स्विमिंग पूल, सिनेमा, स्पा और बर्गर किंग जैसे रेस्तरां भी शामिल थे.</p>
<p style="text-align: justify;"> फरवरी 2020 में, ट्रंप ने तालिबान के साथ सैनिकों की वापसी पर चर्चा की थी जिसे बाद में राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में लागू किया गया. हालांकि अब ट्रंप का मानना है कि चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए बगराम एयरबेस पर अमेरिकी उपस्थिति आवश्यक है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>चीन बढ़ा रहा है अफगानिस्तान में अपना प्रभाव </strong></p>
<p style="text-align: justify;">चीन ने हाल में ही अफगानिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ाया है. चीन की कंपनियों ने साल 2023 में कई समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए थे . हालांकि चीन का कहना है कि उसका एक सैनिक अफगानिस्तान में नहीं ही. चीन की नजर अफगानिस्‍तान के अरबों डॉलर के लिथियम भंडार और तेल तथा खनिजों पर है. चीन चाहता है कि अफगानिस्‍तान बीआरआई में शामिल हो. </p>
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अफगानिस्तान में वापसी करेगी अमेरिकी सेना! ट्रंप ने गड़ाई इस एयरबेस पर निगाह
