अब आसान हुआ पायलट बनना, DGCA खुद कराएगा RTR परीक्षा, नहीं झेलनी पड़ेगी दो एजेंसियों की दौड़

अब आसान हुआ पायलट बनना, DGCA खुद कराएगा RTR परीक्षा, नहीं झेलनी पड़ेगी दो एजेंसियों की दौड़


अब भारत में पायलट बनने का सपना पहले से कहीं ज्यादा आसान होने वाला है. केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए रेडियो टेलीफोन रिस्ट्रिक्टेड (RTR) परीक्षा आयोजित करने का अधिकार नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) को दे दिया है. इससे पहले यह परीक्षा दूरसंचार विभाग द्वारा कराई जाती थी, लेकिन अब पायलटों को दो अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के चक्कर नहीं काटने होंगे.

अब DGCA के पास RTR परीक्षा की जिम्मेदारी

नए नियम के अनुसार, अब डीजीसीए कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) के साथ-साथ RTR सर्टिफिकेट भी खुद ही जारी करेगा. इससे पायलट बनने की प्रक्रिया में पारदर्शिता, गति और आसानी आएगी. केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने सोशल मीडिया पर इस बदलाव की जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह फैसला भारतीय वायुयान अधिनियम 2025 के तहत किया गया है, जो 1 जनवरी 2025 से लागू हुआ है.

दोहरी एजेंसी की झंझट खत्म

अब तक पायलटों को कमर्शियल पायलट लाइसेंस डीजीसीए से और RTR सर्टिफिकेट दूरसंचार विभाग के वायरलेस प्लानिंग एंड कोआर्डिनेशन (WPC) विंग से लेना पड़ता था. लेकिन अब यह परीक्षा और सर्टिफिकेट दोनों एक ही जगह यानी DGCA से मिल जाएंगे. इससे युवाओं को पायलट बनने के रास्ते में आने वाली प्रक्रियात्मक बाधाएं कम होंगी और वे आसानी से अपने करियर की उड़ान भर सकेंगे.

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जल्द लागू होंगे नए RTR नियम

मंत्री नायडू ने जानकारी दी कि नए RTR नियमों को 6 महीने के भीतर अधिसूचित कर दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि एक सिंगल-विंडो सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे प्रमाणन की पूरी प्रक्रिया एक ही प्लेटफॉर्म पर पूरी हो सकेगी. यह बदलाव भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है.

कौन देता है RTR परीक्षा?

RTR परीक्षा पायलट, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और अन्य वैमानिकी रेडियो ऑपरेटरों के लिए अनिवार्य होती है. यह परीक्षा उन्हें विमान और हवाई यातायात नियंत्रण से जुड़े रेडियो संचार उपकरणों का संचालन करने के लिए जरूरी होती है. अब तक यह परीक्षा दूरसंचार विभाग के अंतर्गत आयोजित की जाती थी, लेकिन अब डीजीसीए खुद इसकी जिम्मेदारी लेगा.

युवाओं के लिए बढ़ेगा आकर्षण

इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि अधिक से अधिक युवा अब विमानन क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित होंगे. जहां पहले दो एजेंसियों की जटिल प्रक्रिया से युवा परेशान हो जाते थे, अब एक ही विभाग के अंतर्गत सब कुछ होना उन्हें राहत देगा.

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