‘अब भी नहीं रुके तो पूरी दुनिया…’ इजरायल-ईरान जंग पर चीन की UNSC में चेतावनी

‘अब भी नहीं रुके तो पूरी दुनिया…’ इजरायल-ईरान जंग पर चीन की UNSC में चेतावनी


China in UNSC On Israel-Iran War: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक आपात बैठक में चीन ने इजरायल के खिलाफ कड़ी आपत्ति दर्ज की. संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू कॉन्ग ने स्पष्ट रूप से कहा कि इजरायल की हालिया सैन्य कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून और वैश्विक संबंधों के स्थापित नियमों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरा है, बल्कि पूरा पश्चिम एशिया अस्थिर हो सकता है. चीन ने इस कार्रवाई की स्पष्ट निंदा की है.

चीन ने चेताया: युद्ध बढ़ा तो पूरी दुनिया को चुकानी होगी कीमत
फू कॉन्ग ने कहा कि अगर यह संघर्ष और बढ़ता है तो न सिर्फ इजरायल और ईरान को नुकसान होगा, बल्कि क्षेत्र के अन्य देश भी इसकी गंभीर चपेट में आ सकते हैं. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन-कौन से देश इस जंग से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने स्थिति को तुरंत संभालने की जरूरत पर जोर दिया.

संघर्ष के आठवें दिन पर चीन ने जताई चिंता
चीन ने कहा कि इजरायल और ईरान के बीच यह टकराव अब आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है और इस दौरान बड़ी संख्या में आम नागरिक हताहत हुए हैं और दोनों पक्षों की महत्वपूर्ण सुविधाओं को नुकसान पहुंचा है. चीन की ओर से बार-बार युद्धविराम की मांग की जा रही है.

चीनी विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति शी की प्रतिक्रिया
13 जून को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन इजरायल के हमलों से “गहराई से चिंतित” है और ईरान की संप्रभुता के उल्लंघन का विरोध करता है.
विदेश मंत्री वांग यी ने इन हमलों को “अस्वीकार्य” बताते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया. वहीं राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 17 जून को कजाकिस्तान में कहा कि पश्चिम एशिया की अस्थिरता वैश्विक शांति के लिए खतरा है और सभी पक्षों को युद्ध रोकने की दिशा में काम करना चाहिए.

अमेरिका और ब्रिटेन पर भी चीन का निशाना
चीन ने सीधे तौर पर अमेरिका और ब्रिटेन का नाम तो नहीं लिया, लेकिन संघर्ष में प्रभावशाली भूमिका निभाने वाले बड़े देशों को “शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी निभाने” की नसीहत दी. चीन ने अमेरिका पर “आग में घी डालने” का आरोप भी लगाया है.

नागरिकों की सुरक्षा को बताया सबसे बड़ी प्राथमिकता
चीन के प्रतिनिधि फू कॉन्ग ने कहा कि किसी भी हाल में नागरिकों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. उन्होंने युद्ध में शस्त्र बल के अंधाधुंध उपयोग की आलोचना की और जोर दिया कि सभी पक्षों को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का पालन करना चाहिए. नागरिक सुविधाओं, तीसरे देशों के नागरिकों और मानव सहायता प्रयासों को पूरी सुरक्षा दी जानी चाहिए.

परमाणु स्थलों पर हमला खतरनाक, बातचीत से हल खोजने की बात
फू कॉन्ग ने यह भी बताया कि इस संघर्ष ने ईरानी परमाणु मुद्दे पर चल रही बातचीत को पटरी से उतार दिया है. उन्होंने कहा कि कुछ ईरानी परमाणु ठिकानों पर हुए हमले खतरनाक उदाहरण बन सकते हैं, जिनके भविष्य में गंभीर परिणाम हो सकते हैं. उन्होंने आग्रह किया कि सभी पक्ष वार्ता और कूटनीति के माध्यम से समाधान की ओर लौटें और राजनीतिक समाधान की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ें.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *