‘अमेरिका के गेम में मत फंसना’, वर्ल्ड फेमस इकोनॉमिस्ट ने दी भारत को चेतावनी

‘अमेरिका के गेम में मत फंसना’, वर्ल्ड फेमस इकोनॉमिस्ट ने दी भारत को चेतावनी


US China Tariff War: वर्ल्ड फेमस इकोनॉमिस्ट और UN सलाहकार प्रोफेसर Jeffrey Sachs ने भारत को अमेरिका की जियोपॉलिटिकल रणनीतियों का हिस्सा बनने से बचने की सलाह दी है. Rising Bharat Summit 2025 में बुधवार को बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका के “चीन-विरोधी एजेंडे” का औजार नहीं बनना चाहिए.

अमेरिका भारत को चीन के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहता है

Jeffrey ने चेतावनी देते हुए कहा, “अमेरिका भारत को चीन के खिलाफ खड़ा करना चाहता है. भारत को इस अमेरिकी खेल में नहीं पड़ना चाहिए… भारत इससे कहीं बड़ा है.” उन्होंने कहा कि वाशिंगटन हमेशा से देशों के बीच फूट डालकर अपना वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश करता है और अब भारत को चीन के खिलाफ एक ‘काउंटरवेट’ के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है.

दुनिया को बेहतर बना सकते हैं भारत-चीन

हालांकि Jeffrey ने माना कि भारत और चीन के बीच कुछ मुद्दे विवादित हैं, लेकिन उन्होंने दोनों देशों से बातचीत से इन्हें सुलझाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “आप दोनों मिलकर दुनिया की 40 फीसदी आबादी हैं और साथ मिलकर एक बेहतर दुनिया बना सकते हैं.”

क्वाड जैसे गठबंधन पर सवाल

Jeffrey Sachs ने भारत की क्वाड (Quad) जैसे सैन्य-रणनीतिक गठबंधनों में भागीदारी पर भी सवाल उठाए. उनका कहना था कि ये गठबंधन अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखते हैं, ना कि भारत के.

उन्होंने कहा, “अमेरिका को खुशी होती है जब भारत क्वाड में होता है. वह चाहता है कि भारत चीन की आलोचना करे. मैंने कुछ भारतीय नेताओं को यह कहते सुना है कि अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी की वजह चीन है. नहीं, ऐसा नहीं है… यह डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की वजह से है. इसलिए सावधान रहें, इस खेल में मत पड़ें.”

अमेरिका की दोस्ती खतरनाक हो सकती है

Jeffrey Sachs ने अमेरिका की विदेश नीति को “नियंत्रण-आधारित” बताया और कहा कि वह अपने सहयोगियों का भी नुकसान कर सकता है. उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, “अगर आप अमेरिका के दोस्त हैं, तो सावधान रहें. यह बहुत खतरनाक हो सकता है. मैंने पूरी जिंदगी अमेरिका को देशों से दोस्ती करते देखा है, जो बाद में उसी ‘दोस्ती’ की वजह से बर्बाद हो गए.”

अंग्रेजों ने भारत को लूटा

Sachs ने यह भी याद दिलाया कि भारत और चीन दोनों ने औपनिवेशिक शोषण (Colonial Exploitation) के बावजूद बड़ी अर्थव्यवस्थाएं खड़ी की हैं. उन्होंने कहा, “ब्रिटिशर्स के आने से पहले भारत सदियों तक दुनिया की सबसे बड़ी या दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन अंग्रेजों ने उसे लूटकर कमजोर कर दिया.”

क्या भारत को अमेरिका से दूरी बनानी चाहिए?

प्रोफेसर Sachs का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत-अमेरिका संबंध मजबूत हो रहे हैं, लेकिन साथ ही चीन के साथ तनाव भी बना हुआ है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत को अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर जोर देना चाहिए? या इस वक्त अमेरिका के साथ स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप जरूरी है?

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