अमेरिका में सिर्फ 30 दिनों के भीतर होगी मास डिपोर्टेशन, इन चार देशों की उड़ी नींद

अमेरिका में सिर्फ 30 दिनों के भीतर होगी मास डिपोर्टेशन, इन चार देशों की उड़ी नींद


Donald Trump’s Move for Deportation : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश में रहने वाले अप्रवासी नागरिकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने वाले हैं. इस बात की घोषणा अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने शुक्रवार (21 मार्च) को की. DHS ने अपनी घोषणा में बताया कि वह अमेरिका में क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वैनेजुएला के 5 लाख से ज्यादा अप्रवासियों के कानूनी सुरक्षा को खत्म कर देगा. इस कदम के बाद इन देशों के लोगों पर 30 दिनों के भीतर मास डिपोर्टेशन का खतरा सामने मंडराने लगेगा.

एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस आदेश का प्रभाव उन लोगों पर पड़ेगा जो साल 2022 के अक्टूबर से ह्यूमनिटेरियन पेरोल प्रोग्राम के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश किया था. इस प्रोग्राम के तहत अमेरिका आए अप्रवासियों को दो साल के लिए यहां रहने और काम करने की अनुमति दी गई थी.

30 दिनों में अप्रवासियों पर होगा बड़ा एक्शन

DHS की सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने अपने एक बयान में कहा, “अमेरिका के फेडरल रजिस्टर में नोटिस के प्रकाशित होने के बाद उक्त देशों के अप्रवासियों की 30 दिनों में हीं 24 अप्रैल तक कानूनी दर्जे को खत्म कर दिया जाएगा.

अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के इस कदम से क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला के  करीब 5,32,000 लोगों पर असर पड़ने वाला है, जो पूर्ववर्ती जो बाइडेन प्रशासन की ओर लागू किए गए पेरोल प्रोग्राम के तहत अमेरिका में दाखिल हुए, जिन्हें यहां फाइनेंशियल स्पॉनसर्स मिले और अमेरिका में अस्थायी दर्जा दिया गया.

इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव के बाद लिया गया फैसला

डोनाल्ड ट्रंप के यह फैसला अमेरिका के इमिग्रेशन पॉलिसी में एक व्यापक बदलाव के बाद लिया गया है और यह डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के उन कदमों की याद दिलाता है, जिसका उद्देश्य ह्यूमनिटेरियन पेरोल प्रोग्राम के तहत होने वाले दुरुपयोग को रोकना था.

एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कानूनी हथियार का इस्तेमाल ऐतिहासिक रूप से युद्ध या राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहे देशों के नागरिकों को अस्थायी रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने और रहने की अनुमति देने के लिए किया जाता रहा है.



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