जब बात देश की सुरक्षा की आती है, तो सबसे पहले हमारे जेहन में देश के फौजी आते हैं. वे लोग जो सीमा पर हर मौसम, हर परिस्थिति में खड़े रहते हैं ताकि हम अपने घरों में चैन की नींद ले सकें. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या उन्हें उनके बलिदान और समर्पण के बदले में उतना सम्मान और वेतन मिलता है, जितना मिलना चाहिए?
हाल ही में World of Statistics की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में किस देश के सैनिकों को कितनी सैलरी मिलती है. नतीजे चौंकाने वाले हैं क्योंकि कुछ छोटे लेकिन अमीर देश अपने सैनिकों को बेहद अच्छी तनख्वाह दे रहे हैं, वहीं कई बड़े और विकासशील देश इस मामले में पीछे हैं.
स्विट्जरलैंड सबसे आगे
जब भी सैन्य शक्तियों या फिर डिफेंस की बात होती है तो अमेरिका और रूस का नाम सबसे आगे आता है. लेकिन इस रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सैनिकों को सबसे ज्यादा सैलरी स्विट्जरलैंड में दी जाती है. यहां एक सैनिक की औसत मासिक सैलरी 6,298 डॉलर यानी करीब 5.21 लाख रुपये है. इतना वेतन शायद भारत में एक सरकारी अफसर को भी न मिले. स्विट्ज़रलैंड को वैसे भी अपनी हाई क्वालिटी ऑफ लाइफ और मजबूत रक्षा नीति के लिए जाना जाता है.
दूसरे नंबर पर लक्जमबर्ग और तीसरे पर सिंगापुर
दूसरे पायदान पर है लक्जमबर्ग, जहां सैनिकों को हर महीने औसतन 5,122 डॉलर मिलते हैं. वहीं, एशिया का ताकतवर देश सिंगापुर तीसरे स्थान पर है, जहां टैक्स कटौती के बाद भी सैनिकों को करीब 4,990 डॉलर मासिक वेतन मिलता है.
चीन में सैनिकों की औसत मासिक सैलरी 1,002 डॉलर है, जो भारत से लगभग दोगुनी है. वहीं, दक्षिण अफ्रीका में यह आंकड़ा 1,213 डॉलर तक पहुंच जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत इस लिस्ट में 64वें स्थान पर है. यहां एक सैनिक को औसतन 594 डॉलर, यानी करीब 49,227 रुपये महीना वेतन मिलता है. वहीं, बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों ही भारत से पीछे हैं. बांग्लादेश में एक सैनिक को औसतन 251 डॉलर, जबकि पाकिस्तान में सिर्फ 159 डॉलर यानी करीब 13,175 रुपये मासिक वेतन मिलता है.
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