Elon Musk Nazi Salute: हाल ही में अरबपति टेक दिग्गज एलन मस्क पर नाजी सैल्युट करने का आरोप लगा. इसके बाद उनकी सोशल मीडिया पर भारी आलोचना हुई. यह मामला तब शुरू हुआ जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में मस्क की ओर से किए गए इशारे को नाजी सलामी की तरह माना गया.
सोशल मीडिया पर मस्क के इशारे की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो गईं. आलोचकों ने इस इशारे को नाजी जर्मनी के फासीवादी प्रतीक के रूप में देखा गया. हालांकि, मस्क ने इन आरोपों को खारिज किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “सच कहूं तो उन्हें (विरोधियों को) बेहतर गंदी चालों की जरूरत है. हिटलर को जोड़कर किसी पर हमला करने वाला मामला बेहद बोरियत भरा हो गया है.”
DO NOT BELIEVE THE MEDIA
The media is misleading you. Elon Musk never did a Nazi salute. Watch the full video: He simply gestured and said, “Thank you, my heart goes out to you.” pic.twitter.com/e3vBaLoVqx
— DogeDesigner (@cb_doge) January 20, 2025
मिलान में छात्रों ने किया प्रदर्शन
इटली के मिलान शहर के प्रसिद्ध पियाजेल लोरेटो में एक छात्र समूह ने मस्क का पुतला उल्टा लटकाकर प्रदर्शन किया. यह जगह ऐतिहासिक रूप से फासीवादी नेता बेनिटो मुसोलिनी की बर्बरता का प्रतीक है. 1945 में मुसोलिनी और उनके साथियों को इसी स्थान पर उल्टा लटकाया गया था. छात्र समूह कैम्बियारे रोट्टा ने इस प्रदर्शन की जिम्मेदारी ली.
उन्होंने मस्क का पुतला कचरे से बनाए गए बोरे से तैयार किया और उस पर मस्क के चेहरे का प्रिंट चिपकाया. समूह ने प्रदर्शन करते हुए मस्क की तुलना फासीवादी नेता से की.
Today in Milan a student activist group hung a trash-filled effigy of Musk upside down on a gate outside of piazzale Loreto, where Mussolini’s body was displayed in 1945.They left the message:”C’è sempre posto a piazzale Loreto, Elon”(There’s always room in piazzale Loreto, Elon) pic.twitter.com/J1qg1ZNZVf
— Els Montijn (@ElsMontijn) January 21, 2025
नाजी सलामी: इसका इतिहास और महत्व
नाजी सलामी, जिसे ‘हेल हिटलर सैल्यूट’ के नाम से भी जाना जाता है. ये नाजी जर्मनी का आधिकारिक अभिवादन था. इसमें दाहिने हाथ को कंधे से हवा में उठाकर सलामी दी जाती थी, जिसमें हथेली नीचे की ओर होती है. यह इशारा प्राचीन रोम के सलामी तरीके से प्रेरित था.
1921: नाजी पार्टी के भीतर इस सलामी का उपयोग शुरू हुआ.
1926: नाजी पार्टी ने इसे आधिकारिक सलामी घोषित किया.
1925: इतालवी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी ने इसे अपनाया, ताकि रोम साम्राज्य की भव्यता को दोबारा से जिंदा किया जा सके.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी और ऑस्ट्रिया ने नाजी प्रतीकों और सलामी पर सख्त प्रतिबंध लगाए. इनका इस्तेमाल अपराध माना जाता है, जिसके लिए जेल की सजा भी हो सकती है.
अमेरिका में नाजी सलामी और इसका कानूनी पहलू
अमेरिका में नाजी सलामी पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है. अमेरिकी संविधान का पहला संशोधन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करता है, जिससे नफरत फैलाने वाले भाषण को भी कुछ हद तक सुरक्षा मिलती है. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में इसे नफरत फैलाने वाले काम के रूप में देखा जाता है और इस पर कानूनी रोक है.
मस्क के आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया
एलन मस्क ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को झूठा बताया और कहा कि ये महज बेबुनियाद हमले हैं. उन्होंने आलोचनाओं को थका देने वाला तरीका बताते हुए कहा कि यह आरोप किसी ठोस आधार पर आधारित नहीं हैं.
दुनियाभर में खींचा ध्यान
एलन मस्क पर नाजी सलामी का आरोप और इसके बाद की घटनाओं ने दुनियाभर में ध्यान खींचा है. यह घटना न केवल उनके व्यक्तिगत इमेज के लिए चुनौती है, बल्कि समाज में नफरत और फासीवाद के प्रतीकों की स्वीकृति पर भी सवाल खड़े करती है.
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