Big Beautiful Bill: अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने ‘वन बिग, ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ को पास कर दिया है. पूरे 1,116 पन्नों के इस कानून में सीमा सुरक्षा, टैक्स और खर्च को लेकर ट्रंप की नीतियों की झलक मिलती है. यह बिल ट्रंप के 2017 के टैक्स कट्स को आगे बढ़ाने का प्रयास है.
रेमिटेंस टैक्स में की गई इतनी कटौती
इस बिल में अमेरिका में रहकर काम कर रहे लाखों की संख्या में उन विदेशी कामगारों को राहत दी गई है, देश के बाहर पैसा भेजते हैं. बिल के फाइनल वर्जन में रेमिटेंस टैक्स को 5 परसेंट से घटाकर 3.5 परसेंट कर दिया गया है. यह 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी होगा. रेमिटेंस टैक्स का मतलब होता है किसी देश से दूसरे देश में पैसे भेजने पर लगाया जाने वाला टैक्स. इसका असर अमेरिका में बड़ी संख्या में रह रहे भारतीय प्रवासियों पर भी पड़ेगा.
माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट की डेटा के मुताबिक, 2023 तक अमेरिका में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों की संख्या 2.9 मिलियन से अधिक थी. इसी के साथ अमेरिका दुनिया में संयुक्त अरब अमीरात के बाद दूसरा सबसे पॉपुलर डेस्टिनेशन बन गया. मैक्सिकन के बाद भारतीय अमेरिका में रहने वाले दूसरे सबसे बड़े विदेशी मूल के समूह का भी प्रतिनिधित्व करते हैं, जो देश के 47.8 मिलियन विदेशी मूल के निवासियों का 6 परसेंट है.
अमेरिकी नागरिकों को मिली छूट
ट्रंप के इस नए बिल के तहत रेमिटेंस टैक्स केवल गैर-अमेरिकी नागरिकों पर लागू होगा. अमेरिकी नागरिकों को इससे छूट दी गई है. प्रभावित होने वालों में ग्रीन कार्ड होल्डर और एम्प्लॉयमेंट वीजा पर रहने वाले लोग शामिल होंगे. यानी कि अमेरिका में रहकर कमाने वाले कोई भारतीय व्यक्ति अगर अपनी कमाई में से 5000 रुपये भी अपने गांव या शहर भेजेगा, तो उसे उस पर टैक्स देना होगा. रेमिटेंस टैक्स में यह कटौती कई हफ्ते तक चली बातचीत के बाद की गई.
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