<p style="text-align: justify;">अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) अपनी आधुनिक शिक्षा के केंद्र में काफी जानी जाती है, लेकिन इन दिनों विदेशी छात्रों के एडमिशन को लेकर चर्चाओं में है. जहां किसी समय एएमयू में 30 से ज्यादा देशों के छात्र शिक्षा ग्रहण करते थे, वहीं अब कुछ देशों के छात्र यहां एडमिशन लेकर पढ़ाई कर रहे हैं. बीते कुछ सालों में यहां पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में रिकॉर्ड गिरावट आई है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>26 देशों से आते हैं छात्र</strong><br />एएमयू में विदेशी छात्रों का झुकाव ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की तुलना में पीएचडी की ओर ज्यादा है. यह दर्शाता है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एएमयू अभी भी एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है. इस समय एएमयू में 26 देशों के 170 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इनमें सबसे अधिक छात्र यमन, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हैं. अन्य देशों में अमेरिका, ईरान, इराक, नेपाल, फिलिस्तीन, नाइजीरिया और सूडान प्रमुख हैं. हालांकि छात्रों की घटती संख्या एएमयू के लिए एक चिंताजनक स्थिति है.</p>
<p><strong>क्या कहते हैं आंकड़े?</strong></p>
<ul>
<li>2020-21: 337</li>
<li>2021-22: 253</li>
<li>2022-23: 212</li>
<li>2023-24: 178</li>
<li>2024-25: 170</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>एएमयू प्रशासन ने क्या कहा?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एएमयू के अंतरराष्ट्रीय छात्र कक्ष के एडवाइजर, प्रो. सय्यद अली नवीद ने बताया कि इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें वीजा प्रक्रिया की कठिनाई, वैश्विक शिक्षा परिदृश्य में बदलाव और अन्य सामाजिक-आर्थिक कारण शामिल हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस दिशा में सुधार के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है. एएमयू प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है. इसमें बेहतर प्रचार-प्रसार, सरल वीजा प्रक्रिया में सहायता और छात्रों के लिए बेहतर सुविधा प्रदान करने जैसे उपाय शामिल हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सबसे ज्यादा विदेशी छात्र कब थे?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एएमयू में विदेशी छात्रों की संख्या 2019-20 में अपने उच्चतम स्तर पर थी. उस समय कुल 616 छात्र विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे थे, जिनमें 462 पुरुष और 154 महिलाएं शामिल थीं. लेकिन इसके बाद से विदेशी छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है. 2023-24 में यह संख्या घटकर 178 रह गई.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या हैं विदेशी छात्रों की शिकायतें?</strong></p>
<p>विदेशी छात्रों से बातचीत में सामने आया कि वे यहां रहने के लिए उचित व्यवस्था की कमी से परेशान हैं.</p>
<ul>
<li><strong>छात्रावास की समस्या:</strong> विदेशी छात्रों के लिए अलग से छात्रावास की सुविधा नहीं है, जिससे उन्हें रहने में कठिनाई होती है.</li>
<li><strong>रहन-सहन में मुश्किलें:</strong> विदेशी छात्र स्थानीय छात्रों से अलग रहना पसंद करते हैं, लेकिन उनके लिए ऐसी कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>एक सदी की शुरुआत में स्थिति</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अगर 2014 की बात करें तो उस समय एएमयू में 324 विदेशी छात्र थे. इनमें 229 पुरुष और 95 महिलाएं थीं. उस समय विश्वविद्यालय में माहौल बहुत विविधतापूर्ण और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध था. विदेशी छात्र अलग-अलग देशों के व्यंजन, भाषा और परंपराओं को सीखते और साझा करते थे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>विदेशी छात्रों के लिए बदले गए हैं क्या नियम?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एएमयू प्रशासन के अनुसार, विदेशी छात्रों के लिए कोई नए नियम लागू नहीं किए गए हैं. प्रो. सय्यद नवाज अली जैदी ने कहा कि विदेशी छात्रों को अधिक से अधिक सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है.</p>
<p><strong>क्या कहते हैं राजनीतिकार</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एएमयू के पूर्व छात्र और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अज्जू इशाक ने कहा कि 2014 के बाद से देश में शिक्षा के प्रति सरकार का दृष्टिकोण बदल गया है. उनके अनुसार, पहले विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए यूजीसी की ओर से विशेष अनुदान दिया जाता था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इन अनुदानों को समाप्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण विदेशी छात्र भारत के बजाय अन्य देशों का रुख कर रहे हैं.</p>
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों की संख्या में भारी गिरावट, आंकड़े देख दंग रह जाएंग
