राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (आईएसआईएस) आतंकी समूह की गतिविधियों को बढ़ावा देने में कथित संलिप्तता को लेकर शुक्रवार (11 जुलाई, 2025) को एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया, अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि रिजवान अली उर्फ अबू सलमा उर्फ मोला आईएसआईएस पुणे ‘स्लीपर मॉड्यूल’ मामले में 11वां वांछित आरोपी और प्रमुख षडयंत्रकारी है. उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया गया.
आईएसआईएस की भारत विरोधी साजिश
एनआईए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि आईएसआईएस की भारत विरोधी साजिश के तहत अली ने विभिन्न स्थानों की टोह लेने में सक्रिय भूमिका निभाई थी, जिनका इस्तेमाल आतंकवादी ठिकानों के रूप में किया जा सकता था. आईएसआईएस को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है.
मामले में एनआईए की जांच के अनुसार, वह गोलीबारी सिखाने और आईईडी बनाने का प्रशिक्षण देने में भी शामिल था. उसकी गिरफ्तारी में मदद पहुंचाने वाले और जानकारी देने वाले को 3 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई थी. बयान में कहा गया है कि अली के खिलाफ एक स्थायी गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया था.
सांप्रदायिक कट्टरता फैलाने की साजिश
जांच एजेंसी ने कहा कि पहले से गिरफ्तार और न्यायिक हिरासत में बंद 10 अन्य आरोपियों के साथ, अली ने देश को अस्थिर करने और सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के लिए कई आतंकी कृत्यों को अंजाम देने की साजिश रची थी.
अली के अलावा, गिरफ्तार किये गए अन्य ‘स्लीपर-सेल’ सदस्यों की पहचान मोहम्मद इमरान खान, मोहम्मद यूनुस साकी, अब्दुल कादिर पठान, सिमाब नसीरुद्दीन काजी, जुल्फिकार अली बड़ौदावाला, शमिल नाचन, आकिफ नाचन, शाहनवाज आलम, अब्दुल्ला फैयाज शेख और तलहा खान के रूप में हुई है.
इन आरोपों के तहत किया गिरफ्तार
एनआईए ने सभी आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है. बयान में कहा गया है कि भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़कर हिंसा और आतंक के जरिए देश में इस्लामी शासन स्थापित करने की आईएसआईएस/आईएस की साजिश को विफल करने के अपने प्रयासों के तहत एनआईए मामले की जांच जारी रखे हुए है.
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