Pakistan News: पाकिस्तान ने शुक्रवार को अमेरिका-भारत संयुक्त बयान में अपनी धरती से आतंकवाद के कथित प्रसार का संदर्भ दिए जाने पर आपत्ति जताई और इसे एकतरफा, भ्रामक और कूटनीतिक मानदंडों के विपरीत करार दिया.
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने अमेरिका द्वारा भारत को हथियारों की बिक्री पर चिंता भी व्यक्त की और कहा कि इससे क्षेत्र में सैन्य असंतुलन बढ़ेगा.
पाकिस्तान ने जताई हैरानी
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि पाकिस्तान इस बात से आश्चर्यचकित है कि अमेरिका के साथ पाकिस्तान के आतंकवाद-रोधी सहयोग के बावजूद संयुक्त बयान में इस संदर्भ को जोड़ा गया है. उन्होंने कहा, ‘हम 13 फरवरी 2025 के भारत-अमेरिका संयुक्त वक्तव्य में पाकिस्तान-विशिष्ट संदर्भ को एकतरफा, भ्रामक और कूटनीतिक मानदंडों के विपरीत मानते हैं.’
क्षेत्र में बढ़ेगा सैन्य असंतुलन
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा, “पाकिस्तान भारत को सैन्य टेक्नोलॉजी के हस्तांतरण को लेकर भी बहुत चिंतित है. इस तरह के कदम क्षेत्र में सैन्य असंतुलन को बढ़ाते हैं और रणनीतिक स्थिरता को कमजोर करते हैं. वे दक्षिण एशिया में स्थायी शांति हासिल करने में सहायक नहीं हैं.”
आतंकवाद के वैश्विक संकट पर PM मोदी और ट्रंप ने की थी चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान से आह्वान किया कि वह 26/11 के मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने के लिए अपने प्रयास में तेजी लाए. ट्रंप ने इस नृशंस हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत को प्रत्यर्पित करने को मंजूरी देने की घोषणा की है.
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘आतंकवाद के वैश्विक संकट’ पर विस्तृत चर्चा की. दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया के हर कोने से आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को समाप्त किया जाना चाहिए. संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने मुंबई हमलों जैसे जघन्य कृत्यों को रोकने के लिए अल-कायदा, आईएसआईएस, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा सहित विभिन्न आतंकवादी समूहों से आतंकी खतरों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई.