BIMSTEC Meeting: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (03 अप्रैल, 2025) को 20वीं बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान आतंकवाद, अवैध नशीली दवाओं के व्यापार, मानव तस्तरी और संबंधित मुद्दों पर चिंता जताई. जयशंकर ने तेजी से अस्थिर होती दुनिया में इन चुनौतियों से निपटने के लिए बिम्सटेक के प्रति व्यापक और अधिक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पर जोर दिया.
उन्होंने कहा, “वास्तविक दुनिया की भी कुछ समस्याएं हैं, जिनका हमें समाधान करना चाहिए. इसके लिए हमें साइबर सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी, मानव तस्करी, अवैध मादक पदार्थों के व्यापार और अन्य संबंधित गतिविधियों की गंभीरता को पहचानना होगा. हमें इनसे प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आवश्यक ढांचे बनाने की जरूरत है.”
‘वैश्विक व्यवस्था उथल-पुथल के दौर से गुजर रही’
जयशंकर ने कहा कि आज वैश्विक व्यवस्था देशों को अधिक एजेंडा-विशिष्ट होने के लिए प्रोत्साहित करती है. उन्होंने कहा, “साथियों, आज हम बिम्सटेक के 28वें वर्ष में मिल रहे हैं. और हम ऐसा बहुत अनिश्चित और अस्थिर समय में कर रहे हैं, जब वैश्विक व्यवस्था खुद साप तौर से उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है. इससे हमें बिम्सटेक को अधिक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण से देखने के लिए प्रोत्साहित होना चाहिए. नई व्यवस्था, जिसकी रूपरेखा अभी-अभी दिखाई देने लगी है, मूल रूप से अधिक क्षेत्रीय और एजेंडा-विशिष्ट है.”
‘चुनिंदा देशों के डायरेक्शन वाला दौर खत्म’
जयशंकर ने कहा कि वह युग अब खत्म हो गया है जब कुछ चुनिंदा देश अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को निर्देशित करते थे. उन्होंने कहा, “वह युग जब कुछ शक्तियां अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पर नियंत्रण रखती थीं, अब पीछे छूट चुका है. हम अपनी संभावनाओं को किस तरह से देखते हैं, यह काफी हद तक हम पर निर्भर करता है. विकासशील देशों के रूप में, जो अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उन्हें व्यक्तिगत रूप से करने के बजाय एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना बेहतर है.”
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