आयुष्मान भारत योजना की चुनौती! अस्पतालों में इलाज पर संकट, भुगतान में देरी बनी बड़ी वजह

आयुष्मान भारत योजना की चुनौती! अस्पतालों में इलाज पर संकट, भुगतान में देरी बनी बड़ी वजह


Ayushman Bharat Yojana : उत्तराखंड सरकार के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत जारी गोल्डन कार्ड की विश्वसनीयता बनाए रखना बड़ी चुनौती बनती जा रही है. सरकारी व निजी अस्पतालों में इस योजना के तहत इलाज की सुविधा तो जारी है, लेकिन राज्य सरकार पर बढ़ते वित्तीय दबाव के चलते कई अस्पताल अब इस योजना के तहत मरीजों का इलाज करने से पीछे हट रहे हैं.

पिछले एक वर्ष में राज्य के अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत लगभग 300 करोड़ रुपये का इलाज किया है, जबकि सरकार अब तक केवल 120 करोड़ रुपये ही जारी कर पाई है. शेष 180 करोड़ रुपये का भुगतान लटकने के कारण अस्पतालों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है और उनका कहना है कि यदि जल्द भुगतान नहीं हुआ तो वे इस योजना के मरीजों का इलाज नहीं कर पाएंगे.

समय पर भुगतन न होने से बिगड़ रही आर्थिक स्थिति

राज्य के 1,28,761 सेवा प्रदाताओं में से 91,390 पंजीकृत अस्पतालों, फार्मेसियों व लैब्स ने सेवा दी है, लेकिन भुगतान में देरी के चलते उनमें असंतोष व्याप्त है. अस्पतालों का कहना है कि इलाज के बदले जो खर्च किया जा रहा है, उसका भुगतान समय पर नहीं मिल रहा. इससे अस्पतालों की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है

योजना पर संकट से सरकार की छवि पर पड़ रहा प्रभाव

आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड योजना के तहत लाखों गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं निश्शुल्क प्रदान की जा रही है. लेकिन अब यही योजना अपने अस्तित्व को लेकर संकट में नजर आ रही है. अस्पतालों की असहमति से कार्डधारकों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे सरकार की छवि भी प्रभावित हो रही है

इन परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. योजना के संचालन से जुड़ी मुख्य एजेंसी राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारियों को भुगतान की प्रक्रिया को शीघ्र करने के निर्देश दिए गए हैं. सचिव स्तर पर अधिकारियों की बैठक कर इस मामले में समयबद्ध कार्रवाई की मांग की गई है

राज्य सरकार को केंद्र से मिलने वाले बजट में आई कमी

सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार को केंद्र से मिलने वाले बजट में भी कमी आई है. योजना के तहत अब तक कुल 510 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जबकि इसके अनुपात में अनुदान पर्याप्त नहीं मिल पा रहा. यही वजह है कि राज्य सरकार के सामने बजटीय संकट खड़ा हो गया है

राज्य के स्वास्थ्य प्रमुख सचिव ने दिया बयान

राज्य के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य दिलीप जावलकर ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत हो रही दिक्कतों को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. उनका कहना है कि अस्पतालों का बकाया भुगतान जल्द किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं बाधित न हों, इसके लिए उच्च स्तर पर लगातार समीक्षा की जा रही है.

आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड योजना एक क्रांतिकारी पहल है, जिसने लाखों गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सुविधा दी है, लेकिन भुगतान में हो रही देरी और अस्पतालों की नाराजगी इसके भविष्य पर प्रश्नचिह्न लगा रही है. यदि सरकार समय रहते समाधान नहीं निकालती तो योजना की चमक फीकी पड़ सकती है और सबसे बड़ा नुकसान गरीब मरीजों को उठाना पड़ सकता है.



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