Calcutta RG Kar’s hospital case: कोलकाता के एक मनोचिकित्सक ने सोमवार को दावा किया कि आरजी कर अस्पताल में बलात्कार एवं हत्या के मामले की पीड़िता विभिन्न कारणों से गंभीर मानसिक तनाव में थी और उसने पिछले साल 9 अगस्त को अपनी मौत से करीब एक महीने पहले पेशेवर मदद मांगी थी.
मनोचिकित्सक मोहित रणदीप ने दावा किया कि लंबे समय तक ड्यूटी, ‘शिफ्ट’ के आवंटन में भेदभाव और सरकारी अस्पताल में ‘‘अनियमितताओं के बारे में जानकारी’’ से 30 साल की चिकित्सक मानसिक रूप से अत्यधिक परेशान थी.
बलात्कार-हत्या मामले की जांच
रणदीप ने एक प्रमुख बांग्ला टीवी चैनल से कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के सामने गवाही देने के लिए तैयार हैं, जिसने बलात्कार-हत्या मामले की जांच की है.महिला चिकित्सक का शव नौ अगस्त 2024 को उत्तर कोलकाता स्थित सरकारी अस्पताल के सम्मेलन कक्ष में मिला था.
गंभीर मानसिक दबाव के बारे में बताया
रणदीप ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे 36 घंटे की लगातार ड्यूटी, ‘रोस्टर’ में ‘शिफ्ट’ के आवंटन में भेदभाव और दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों की खरीद में कई अनियमितताओं का पता लगने के कारण उन पर पड़ रहे गंभीर मानसिक दबाव के बारे में बताया था. मैंने उनसे पूछा कि क्या सभी को एक जैसी शिफ्ट दी जाती है, तो उन्होंने ‘ना’ में जवाब दिया.’’
मनोचिकित्सक ने कहा कि उन्होंने परास्नातक प्रशिक्षु (पीजीटी) चिकित्सक को परामर्श दिया था और उसे आगे के परामर्श के लिए वापस आना था. रणदीप ने कहा, ‘‘हालांकि ऐसा नहीं हो सका.’’
सहकर्मियों ने क्या दावा किया?
महिला के माता-पिता और उसके सहकर्मियों के एक वर्ग ने पहले दावा किया था कि उसे अस्पताल द्वारा दवाओं और उपकरणों की खरीद में कुछ अनियमितताओं पर सवाल उठाने के लिए प्रताड़ित किया गया था.
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया था कि एजेंसी आरजी कर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले की जांच से संबंधित ‘केस डायरी’ अगली सुनवाई पर पेश करे.
यह भी पढें-
Myths Vs Facts: पूरी तरह से फिट लोगों को कभी नहीं आ सकता है हार्ट अटैक? जान लीजिए इस बात का सच