आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए बुरी खबर! रेटिंग एजेंसी ICRA ने घटाई देश की GDP ग्रोथ रेट

आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए बुरी खबर! रेटिंग एजेंसी ICRA ने घटाई देश की GDP ग्रोथ रेट


क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने सोमवार को अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि भारत की मार्च तिमाही (Q4 FY25) में जीडीपी ग्रोथ 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है. यह अनुमान नेशनल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (NSO) के फरवरी में जारी अनुमान से कम है, जिसमें Q4 ग्रोथ 7.6 फीसदी मानी गई थी.

FY25 में पूरी साल की ग्रोथ 6.3 फीसदी तक सीमित रह सकती है

ICRA का मानना है कि पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.3 फीसदी रह सकती है. जबकि NSO ने फरवरी में कहा था कि FY25 में GDP ग्रोथ 6.5 फीसदी होगी. अगर NSO के अनुमान को सटीक मानना हो, तो मार्च तिमाही की ग्रोथ 7.6 फीसदी होनी चाहिए, जो अब मुश्किल दिख रहा है.

FY24 की तुलना में FY25 में गिरावट संभव

ICRA के अनुसार, FY2023-24 में GDP ग्रोथ 9.2 फीसदी रही थी, लेकिन FY2024-25 में इसमें तेज़ गिरावट आने की संभावना है. यह गिरावट मुख्य रूप से निजी उपभोग और निवेश गतिविधियों में असमानता के कारण हो सकती है.

ICRA की चीफ इकोनॉमिस्ट ने क्या कहा?

ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि चौथी तिमाही में निजी खपत और निवेश गतिविधियों में समान गति नहीं थी. निवेश की सुस्ती का एक कारण टैरिफ को लेकर अनिश्चितता भी रहा है.

सेवाओं का एक्सपोर्ट अच्छा, लेकिन वस्तुओं का एक्सपोर्ट गिरा

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सेवाओं के एक्सपोर्ट (Service Exports) ने लगातार दो अंकों की ग्रोथ दिखाई है, जबकि मर्चेंडाइज़ एक्सपोर्ट यानी सामानों का एक्सपोर्ट, जो दिसंबर में बढ़ा था, अब मार्च तिमाही में गिरावट में चला गया है.

31 मई को आएंगे सरकारी आंकड़े

अब सबकी निगाहें 31 मई 2025 पर हैं, जब NSO मार्च तिमाही और पूरे FY25 के प्रोविजनल GDP आंकड़े जारी करेगा. तभी यह तय होगा कि ICRA का अनुमान सही साबित होता है या सरकार के आंकड़े ज़्यादा आशाजनक निकलते हैं.

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