‘आसिम मुनीर को राजा बना दो, जंगल में सिर्फ…’, फील्ड मार्शल वाले प्रमोशन पर क्या बोले इमरान

‘आसिम मुनीर को राजा बना दो, जंगल में सिर्फ…’, फील्ड मार्शल वाले प्रमोशन पर क्या बोले इमरान


Imran Khan Slams Asim Munir: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर तंज करते हुए कहा है कि उन्हें खुद को ‘फील्ड मार्शल’ के बजाय ‘राजा’ की उपाधि देनी चाहिए थी क्योंकि पाकिस्तान में इस वक्त जंगलराज है और जंगल में केवल राजा ही होता है.’ जनरल मुनीर को भारत के साथ हालिया संघर्ष में उनकी भूमिका के लिए फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है. वह देश के इतिहास में इस पद पर पदोन्नत होने वाले दूसरे शीर्ष सैन्य अधिकारी बन गए हैं.

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘माशाअल्लाह, जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया है. हालांकि ज्यादा अच्छा तो यह होता कि उन्हें ‘राजा’ की उपाधि दी जाती क्योंकि अभी देश में जंगलराज है और जंगल में केवल राजा ही होता है.’’ अगस्त 2023 से कई मामलों में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनके साथ किसी समझौते की अफवाहें पूरी तरह से झूठी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कोई डील नहीं हुई है और न ही कोई बातचीत हो रही है. ये निराधार बाते हैं.’’ हालांकि, उन्होंने खुले तौर पर सैन्य अधिकारियों को आमंत्रित किया कि अगर वे वास्तव में पाकिस्तान के हितों और भविष्य की परवाह करते हैं तो उनके साथ बातचीत कर सकते हैं.

इमरान खान ने पाकिस्तानी सरकार को किया आगाह

इमरान खान ने कहा, ‘‘देश बाहरी खतरों, आतंकवाद में वृद्धि और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. हमें एकजुट होना चाहिए. मैंने पहले कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगा और न ही अब मांगूंगा.’’ उन्होंने शहबाज शरीफ सरकार को भारत के एक और हमले के बारे में भी आगाह किया और कहा कि उन्हें ऐसी किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ऐसा स्थान बना दिया गया है जहां कानून केवल कमजोर लोगों पर लागू होता है, शक्तिशाली लोगों पर नहीं.

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कही ये बड़ी बात

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में पाकिस्तान का नैतिक और संवैधानिक ढांचा पूरी तरह नष्ट हो गया है. उन्होंने कहा, ‘‘तोशाखाना-2 मामले में हास्यास्पद सुनवाई फिर से शुरू की गई है. जेल की तरह ही अदालती कार्यवाही भी एक कर्नल की इच्छा से तय की जाती है. मेरी बहनों और वकीलों को अदालत में आने से रोका जा रहा है. मेरे साथियों को मुझसे मिलने की अनुमति नहीं है, मुझे महीनों से अपने बच्चों से मिलने नहीं दिया जा रहा है. यहां तक ​​कि मेरी किताबें भी नहीं पहुंचाई जा रही हैं और मुझे मेरे डॉक्टर से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है. यह अदालती आदेशों और कानूनों का लगातार उल्लंघन है.’’

उन्होंने आगे कहा कि उन्हें खैबर पख्तूनख्वा के क्षेत्रों में ड्रोन हमलों के बारे में जानकारी मिली है और उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा सरकार को संघीय सरकार के समक्ष आधिकारिक रूप से विरोध दर्ज कराने और इन ड्रोन हमलों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा, ‘‘ड्रोन हमलों में निर्दोष नागरिकों की हत्या आतंकवाद को कम नहीं करती बल्कि इससे आतंकवाद को बढ़ावा ही मिलता है. वर्षों के संघर्ष के बाद हम पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन अभियानों को रोकने में सफल हुए हैं. अगर आप आतंकवाद के खिलाफ होने का दावा करते हैं तो अपने ही लोगों के घरों पर बम न गिराएं.’’

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