Indonesia Tempo Magazine: इंडोनेशिया में प्रेस की स्वतंत्रता पर खतरा मंडरा रहा है. राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो की नीतियों की आलोचना करने वाली टेम्पो पत्रिका को धमकी दी गई. पत्रिका के कार्यालय में सुअर का सिर और कटे हुए चूहों का एक डिब्बा भेजा गया. यह घटना इंडोनेशिया में प्रेस की स्वतंत्रता पर दबाव डालने का संकेत देती है और पत्रकारों के लिए एक खतरनाक माहौल पैदा कर रही है.
टेम्पो, जो 1970 के दशक से इंडोनेशिया के शीर्ष साप्ताहिक प्रकाशनों में से एक है. उन्होंने हाल ही में राष्ट्रपति प्रबोवो की नीतियों पर आलोचनात्मक रिपोर्टें प्रकाशित की थीं. शनिवार (22 मार्च) को टेम्पो के कार्यालय में सफाईकर्मियों को कटे हुए चूहों का एक डिब्बा मिला, जबकि गुरुवार को वहां एक सुअर का सिर भी भेजा गया था. यह स्पष्ट नहीं हो सका कि इस धमकी के पीछे कौन है, लेकिन प्रेस की स्वतंत्रता के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है.
कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
एमनेस्टी इंटरनेशनल और पत्रकारों की सुरक्षा समिति जैसे संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडोनेशिया के कार्यकारी निदेशक उस्मान हामिद ने कहा कि इंडोनेशिया में पत्रकार होना “मौत की सजा जैसा” हो सकता है. उन्होंने घटना की तुरंत जांच की मांग की है. पत्रकारों की सुरक्षा समिति के एशिया कार्यक्रम के प्रमुख बेह लिह यी ने इसे “डराने-धमकाने का एक खतरनाक और जानबूझकर किया गया कृत्य” करार दिया.
टेम्पो का जवाब
टेम्पो के प्रधान संपादक सेत्री यासरा ने कहा कि इस धमकी का उद्देश्य उनके काम को कमजोर करना है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि पत्रिका अपने मिशन के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहेगी. उन्होंने कहा, “अगर इरादा डराने का है तो हम डरने वाले नहीं हैं, लेकिन इस कायरतापूर्ण कृत्य को रोकें.” टेम्पो ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी है और अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं.
प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल
राष्ट्रपति प्रबोवो के प्रवक्ता हसन नासबी ने इस घटना को पहले हल्के में लेते हुए कहा कि पत्रिका को “बस सुअर का सिर पकाना चाहिए,” लेकिन बाद में उन्होंने अपनी टिप्पणी स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता को बनाए रखना जरूरी है. इस घटना ने इंडोनेशिया में प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा की हैं, खासकर उन पत्रकारों के लिए जो सरकार की आलोचना करते हैं.
प्रबोवो की नीतियों की आलोचना
टेम्पो पत्रिका ने हाल के हफ्तों में राष्ट्रपति प्रबोवो की नीतियों की आलोचना करते हुए कई लेख प्रकाशित किए हैं. इनमें व्यापक बजट कटौती के मुद्दे भी शामिल हैं, जो हाल ही में विरोध प्रदर्शनों का कारण बने थे. इस घटना ने इंडोनेशिया में प्रेस और सरकार के बीच बढ़ते तनाव को और बढ़ा दिया है.