Indians stranded in Iran amid war with Israel: ईरान और इजरायल के युद्ध के बीच अभी भी कई भारतीय नागरिक ईरान के कई शहरों में फंसे हुए हैं. इनमें भारत के कई राज्यों से प्रवास करने वाले छात्र, तीर्थयात्री, रिसर्चर और कर्मचारी शामिल हैं.
ईरान की राजधानी तेहरान और इजरायल के शहर तेल अवीव में स्थित भारतीय दूतावास युद्धरत इलाकों में भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेज रही है.इसके अलावा उनके सभी के जल्द से जल्द ईरान और इजरायल से निकालकर वापस भारत भेज रही है. हालांकि, अभी भी बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक युद्धरत इलाकों में स्थित धार्मिक सेटरों और विश्वविद्यालयों में फंसे हुए हैं और उनकी वापसी पर खतरा बना हुआ है.
यूपी के 10 छात्र ईरान में फंसे
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस हफ्ते की शुरुआत में ईरान में शुरू हुए इजरायली हमले के बाद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के सखनी गांव के रहने वाले 10 छात्रों से कई दिनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इस बीच तेहरान यूनिवर्सिटी में 22 साल की एमबीबीएस की थर्ड ईयर की छात्रा सदफ जेहरा ने के पिता जिया-उल-हसन ने कहा, “सदफ ने कहा था कि वह ठीक है. उसके बाद से उसका फोन बंद है. अगले दिन उसने कॉल करके बताया कि यूनिवर्सिटी ने उन्हें तीन किलोमीटर दूर एक सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया है.”
ईरान में लखनऊ के फंसे हैं करीब 1000 लोग
ईरान-इजरायल युद्ध के दौरान उत्तर प्रदेश के लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और मेरठ से रहने वाले कई तीर्थयात्री ईरान में जारी हमलों के बीच फंसे हुए हैं. इनमें लखनऊ के करीब 28 तीर्थयात्री शामिल हैं.
वहीं, मेहंदी टूर्स एंड ट्रैवल्स के टूर ऑपरेटर अकील जफर रिजवी ने कहा कि ईरान में इस वक्त लखनऊ के करीब 1000 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं. वे सभी लोग इस वक्त पैसों की कमी और दवाइयों की लिमिटेड एक्सेस से जूझ रहे हैं. जबकि मेरठ के इसापुर इलाके के किठौर में रहने वाले परिवारों ने ईरान में 11 तीर्थयात्रियों के फंसे होने की पुष्टि की है. ईरान में फंसे लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
उत्तराखंड के 13 जिलों के लोगों के ईरान में फंसे होने की सूचना मिली- DGP दीपम सेठ
इसके अलावा, उत्तराखंड के हरिद्वार के मंगलौर इलाके के 36 लोगों के ईरान में फंसे होने की पुष्टि हुई है. इनमें छात्र, तीर्थयात्री और लॉन्ग टर्म पर जाने वाली कर्मचारी भी शामिल हैं. उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि पुलिस को अब तक राज्य के 13 जिले से लोगों के ईरान में फंसे होने की सूचना मिली हैं.
पश्चिम बंगाल के लोगों से नहीं हो रहा संपर्क
वहीं, ईरान में फंसे हुए भारतीय नागरिकों में पश्चिम बंगाल के 11 तीर्थयात्री भी शामिल हैं. वे सभी लोग 30 मई को ईरान के लिए रवाना हुए थे और उन्हें 18 जून को भारत लौटना था, लेकिन 17 जून के बाद उनलोगों से कोई संपर्क नहीं हुआ.