India On Gaza: न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत हरीश पार्वथानेनी ने बुधवार (30 जुलाई 2025) को गाजा संघर्ष और इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत के नजरिए को पेश किया. उन्होंने केवल राजनीतिक वादों पर नहीं, बल्कि व्यावहारिक और मानवीय समाधान की आवश्यकता पर बल दिया.
भारत ने हमेशा दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन किया है. एक स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य और एक सुरक्षित इजरायल ,जो शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की ओर बढ़े. इस बार, भारत ने वैश्विक समुदाय को आह्वान किया कि वो केवल प्रस्ताव पारित करने तक सीमित न रहें, बल्कि ज़मीनी हकीकतों को बदलने वाले ठोस कदम उठाएं.
गाजा की मानवीय स्थिति पर भारत की चिंता
राजदूत हरीश ने गाजा में उत्पन्न गंभीर मानवीय संकट को विस्तार से उजागर किया. उन्होंने कहा गाजा में हज़ारों लोग मारे गए हैं, कई घायल हुए हैं. अस्पताल और स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाएं नष्ट हो गई हैं. बच्चे 20 महीनों से शिक्षा से वंचित हैं. यह संकट राजनीति से परे है. यह इंसानियत के लिए सवाल है. भारत ने जोर देकर कहा कि मानवीय सहायता को किसी भी प्रकार की राजनीतिक बाधा से मुक्त किया जाना चाहिए. भोजन, ईंधन, और अन्य आवश्यक चीजें बिना किसी परेशानी के गाजा तक पहुंचनी चाहिए.
भारत का समाधान को लेकर सुझाव
राजदूत हरीश ने चार मुख्य उपायों को रेखांकित किया जिन्हें भारत तत्काल लागू होते देखना चाहता है:
- तत्काल युद्धविराम.
- निरंतर और बिना किसी रूकावट के मानवीय सहायता.
- सभी बंधकों की रिहाई.
- उद्देश्यपूर्ण बातचीत और कूटनीति का रास्ता.
यह बताता है कि भारत न केवल भावनात्मक समर्थन दे रहा है, बल्कि एक रणनीतिक और व्यावहारिक समाधान की रूपरेखा भी प्रस्तुत कर रहा है.
भारत का योगदान चाहता है समाधान
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह केवल दूर से देखना नहीं चाहता, बल्कि समाधान प्रक्रिया का हिस्सा बनने को तैयार है. राजदूत ने कहा कि भारत इस नेक प्रयास में योगदान देने के लिए अपनी पूरी तत्परता व्यक्त करता है.आइए हम केवल कागजी समाधान से संतुष्ट न हों.
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