World Bank on rising poverty in Pakistan: पाकिस्तान की माली हालत के बारे में पूरी दुनिया जानती है. पाकिस्तानी सरकार अपने देश का खर्च चलाने के लिए इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) और दुनिया के कई देशों से भीख मांग रहा है. वहीं, दूसरी ओर सरकार के पास के अपने देश के नागरिकों के खिलाने के लिए पैसे नहीं है, लेकिन वह भारत के साथ जंग लड़ने के लिए उतारू है.
भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच अब वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट सामने आई है, पाकिस्तान की माली हालत को पूरी तरह से उजागर कर दिया है. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में गरीबी बढ़ाने में जनरल सेल्स टैक्स (GST) की सबसे बड़ी भूमिका है, जबकि देश के सबसे गरीब परिवारों के मासिक कैस ट्रांसफर प्रोग्राम की असमानता को कम करने में सबसे ज्यादा प्रभाव रहा है.
‘द इफेक्ट्स ऑफ टैक्सेस एंड ट्रांसफर्स ऑन इनइक्वालिटी एंड पोवर्टी इन पाकिस्तान’ शीर्षक वाली वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान में जीएसटी पेमेंट प्री-टैक्स एक्सपेंडिचर के 7 प्रतिशत से ज्यादा है. यही कारण है कि पाकिस्तान में गरीब और कमजोर तबके के लोगों की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो रही है.
पाकिस्तान की जीएसटी देश में गरीबी बढ़ाने का कारण
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने रविवार (25 मई, 2025) को वर्ल्ड बैंक के रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जब किसी इंडिविजुयल फिस्कल इंस्ट्रुमेंट का मार्जिनल कॉन्ट्रिब्यूशन का अनुमान या इंडिविजुअल फिस्कल इंस्ट्रुमेंट का मार्जिनल कॉन्ट्रिब्यूशन का गरीबी या असमानता पर प्रभाव, जब यह सारे फिस्कल इंस्ट्रूमेट को एक साथ मिलाया जाता है, तो इससे साफ पता चलता है कि जीएसटी का देश की गरीबी बढ़ाने में सबसे बड़ी भूमिका है. इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि देश में असमानता पर दूसरा सबसे बड़ा प्रभाव प्री-प्राइमरी और प्राइमरी एजुकेशन पर होने वाले खर्चों के कारण है.
देश में असमानता को कम करने में BISP असरदार
वहीं, सबसे गरीब परिवारों को मासिक नकद सहायता देने वाला बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम (BISP) पाकिस्तान में असमानता को कम करने में सबसे ज्यादा असरदार साबित हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, BISP कैश ट्रांसफर असमानता को घटाने में सबसे बड़ा मार्जिनल कॉन्ट्रिव्यूशन करता है.