अफ्रीका का देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो एक बार फिर से आतंकवाद का शिकार हुआ है. इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े आतंकवादियों ने कांगो के पूर्वी हिस्से में 66 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी है. स्थानीय अधिकारियों ने भी आतंकवादी हमले में लोगों के मौत की पुष्टि की है.
आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जुड़े अलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेस (ADF) के लड़ाकों ने युगांडा की सीमा से सटे देश के पूर्वी इरुमु इलाके में इस हमले को अंजाम दिया है. अलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेस (ADF) युगांडा का एक इस्लामी आतंकवादी संगठन है, जो साल 2019 से ISIS से जुड़ा हुआ है और कांगो और युगांडा के बीच के खुली सीमाओं के दोनों तरफ सक्रिय है.
लोकल सिविल सोसायटी के अध्यक्ष ने हमले को लेकर क्या कहा?
टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, स्थानीय सिविल सोसायटी के अध्यक्ष मार्सेल पलुकु ने इस हमले को लेकर कहा, “इस आतंकी हमले में सभी लोगों की हत्या माचेटी (चाकू) मारकर की गई है और तो और मरने वालों में काफी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.” उन्होंने कहा, “अब तक इस बात की स्पष्ट नहीं हो पाई है कि हम आतंकी हमले के बाद कितने लोगों को बंधक बना लिया गया है और कितने लोग लापता हैं.”
संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रवक्ता ने हमले को लेकर दिया बयान
वहीं, इस कांगो के पूर्वी इरुमु इलाके में हुए आतंकवादी हमले को संयुक्त राष्ट्र (UN) मिशन के प्रवक्ता जीन टोबी ओकाला ने भी बयान दिया है. ओकाला ने इस आतंकवादी हमले को खून का सैलाब करार दिया है.
कांगो और युगांडा के संयुक्त सेनाओं ने की थी सैन्य कार्रवाई
टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, इस हमले को कांगो और युगांडा की संयुक्त सेनाओं की ओर से हाल ही में शुरू किए गए बमबारी अभियान के जवाब में किया गया माना जा रहा है. जबकि, गुरुवार और शुक्रवार (10-11 जुलाई, 2025) को भी कांगो के इसी इलाके में करीब 30 लोगों की हत्या की गई थी, जो अब बढ़कर 66 हो गई है.
यह आतंकी हमला ऐसे समय पर हुआ है, जब पूर्वी कांगो में M23 विद्रोही गुट के साथ लंबे समय से जारी संघर्ष के समाप्त होने की संभावनाएं जताई जा रही थीं. M23 विद्रोहियों को कांगो के पड़ोसी देश रवांडा का समर्थन प्राप्त है.
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