इस देश के राष्ट्रपति को हुआ गलती का अहसास तो कैमरे के सामने आकर मांगी जनता से माफी, जानें मामला

इस देश के राष्ट्रपति को हुआ गलती का अहसास तो कैमरे के सामने आकर मांगी जनता से माफी, जानें मामला


South Korea: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने शनिवार को मार्शल लॉ लागू करने के अपने विवादित प्रयास पर माफी मांगी. उन्होंने अपने महाभियोग पर संसदीय वोट से पहले किसी भी कानूनी परिणाम को स्वीकार करने की पेशकश की. एक टेलीविजन संबोधन में यूं ने सार्वजनिक असुविधा और चिंता के लिए गहरा खेद जताया. उन्होंने भविष्य में ऐसा कदम कभी न उठाने की कसम खाई. उन्होंने कहा कि उनकी पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) उनके राजनीतिक भविष्य का निर्णय करेगी. यूं ने अपने कार्यों के लिए किसी भी राजनीतिक या कानूनी परिणाम का सामना करने की प्रतिबद्धता भी जताई.

भाषण के तुरंत बाद, पीपीपी नेता हान डोंग-हुन ने राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि वे अब पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं. विपक्षी सांसदों ने यूं के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दायर किया. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि महाभियोग प्रस्ताव पास करने के लिए आवश्यक दो-तिहाई बहुमत हासिल किया जा सकेगा.

नेशनल असेंबली में विपक्ष के पास 192 सीटें हैं
महाभियोग प्रस्ताव को सफल बनाने के लिए पीपीपी के कम से कम आठ अतिरिक्त वोटों की आवश्यकता है. इससे पहले बुधवार को 18 पीपीपी सांसदों ने मार्शल लॉ के खिलाफ मतदान किया था, जिसने पूरे देश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर दी थी. जापान और अमेरिका जैसे सहयोगी भी इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं. विपक्षी नेताओं ने यूं की मार्शल लॉ घोषणा को “आत्म-तख्तापलट” करार दिया. पीपीपी नेता हान डोंग-हुन ने राष्ट्रपति की शक्तियों को निलंबित करने की अपील की. उन्होंने कहा कि यूं ने देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा किया है. हान ने यह भी आरोप लगाया कि मार्शल लॉ के दौरान यूं ने विपक्षी नेता ली जे-म्युंग और नेशनल असेंबली स्पीकर वू वोन शिक सहित वरिष्ठ नेताओं की गिरफ्तारी का आदेश दिया.

कई प्रमुख अधिकारी निलंबित
रक्षा मंत्रालय ने मार्शल लॉ से जुड़े मामले में कई प्रमुख अधिकारियों को निलंबित कर दिया, जिनमें रक्षा प्रति-खुफिया कमांडर येओ इन-ह्युंग भी शामिल हैं. पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग ह्यून पर मार्शल लॉ की घोषणा को उकसाने का आरोप है. उनके खिलाफ विद्रोह की जांच जारी है. वहीं कार्यवाहक रक्षा मंत्री किम सियोन हो ने संसद के समक्ष गवाही दी कि यूं के आदेश पर नेशनल असेंबली में सैन्य इकाइयों को तैनात किया गया था. इस घटनाक्रम ने यूं के प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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