MAX App: रूस अब विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता खत्म करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठा रहा है. ताज़ा जानकारी के मुताबिक, रूस जल्द ही WhatsApp की जगह अपने खुद के बनाए गए मैसेजिंग ऐप ‘MAX’ का इस्तेमाल शुरू करने जा रहा है. यह ऐप पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में होगा और इसका उपयोग आधिकारिक बातचीत के लिए किया जाएगा जिससे सुरक्षा और डेटा गोपनीयता को प्राथमिकता दी जा सके.
क्यों हटाया जा रहा है WhatsApp?
यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस ने मेटा (Meta) को, जो कि WhatsApp और Facebook की पेरेंट कंपनी है ‘चरमपंथी संगठन’ घोषित कर दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस की लगभग 68% आबादी रोजाना WhatsApp का इस्तेमाल करती है. ऐसे में सरकार अब चाहती है कि सभी सरकारी अधिकारी विदेशी ऐप्स छोड़कर स्वदेशी और नियंत्रित विकल्प MAX का उपयोग करें, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा न हो.
क्या है MAX ऐप?
MAX ऐप को VK कंपनी ने तैयार किया है जो रूस का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘VK Video’ (YouTube का विकल्प) भी चलाती है. VK की स्थापना पावेल ड्यूरोव ने की थी जो टेलीग्राम के संस्थापक भी हैं. हालांकि, MAX ऐप WhatsApp या Telegram से काफी अलग है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ऐप सरकार को यूज़र्स की निजी जानकारी तक पूरी पहुंच देता है जैसे कि कैमरा, माइक्रोफोन, लोकेशन, कॉन्टैक्ट्स और फाइल्स. इतना ही नहीं, यह ऐप सिस्टम में बैकग्राउंड में चलते हुए काफी गहराई तक डिवाइस को एक्सेस करता है जिससे निजता को लेकर गंभीर सवाल उठते हैं.
कब से लागू होगा MAX ऐप?
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सभी सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 1 सितंबर 2025 से MAX ऐप का अनिवार्य रूप से उपयोग करें. इसके साथ ही रूस उन सभी विदेशी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है जो ऐसे देशों से आते हैं जिन्होंने रूस पर आर्थिक या राजनीतिक प्रतिबंध लगाए हैं.
MAX को लेकर प्राइवेसी की चिंता
जानकारों और आलोचकों को आशंका है कि MAX ऐप सरकार की निगरानी को और सख्त करने का जरिया बन सकता है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यह ऐप एक प्रकार से स्पायवेयर की तरह व्यवहार करता है और यूज़र्स की निजी जानकारी सीधे VK के सर्वर पर भेजता है जो रूसी खुफिया एजेंसियों से जुड़े हो सकते हैं.
क्या WhatsApp और Telegram पर प्रतिबंध लगेगा?
ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि रूस में WhatsApp को पूरी तरह से बैन किया जा सकता है. वहीं, Telegram भी अब सरकारी जांच के घेरे में है क्योंकि वह रूसी डेटा नियमों का पूरी तरह पालन नहीं कर रहा है, भले ही उसकी उत्पत्ति रूस में ही हुई हो. इससे पहले भी रूस ने YouTube की स्पीड कम करने, Instagram और Facebook जैसे प्लेटफॉर्म्स को बैन करने जैसे कदम उठाए हैं. ऐसे में MAX ऐप को अनिवार्य बनाना इस नीति का अगला चरण माना जा रहा है.
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