ED action on Karnataka Money Laundering Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कर्नाटक में मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. ईडी ने कर्नाटक भोवी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन घोटाले में 40 करोड़ की संपत्ति को अटैच किया है. इस घोटाले के तहत 750 से ज्यादा फर्जी लाभार्थियों के नाम पर लोन और सब्सिडी ली गई थी.
ईडी बेंगलुरु जोनल ऑफिस ने के इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस मामले में स्थायी रूप से अटैच की गई संपत्तियों की कीमत करीब 26.27 करोड़ रुपये है, जिनकी मौजूदा मार्केट वैल्यू लगभग 40 करोड़ रुपये बताई जा रही है. ये प्रॉपर्टी बीके नागराजप्पा, आर लीलावती और अन्य आरोपियों के नाम पर है. प्रवर्तन निदेशालय ने ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की है.
फर्जी लाभार्थियों के नामों पर बैंक अकाउंट खोलकर किए गए थे फंड ट्रांसफर
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि कर्नाटक भोवी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के जनरल मैनेजर बीके नागराजप्पा और मैनेजिंग डायरेक्टर आर लीलावती ने कुछ बिचौलियों और अपने जानकारों के साथ मिलकर फर्जी लाभार्थियों के नाम पर लोन, सब्सिडी और फाइनेंशियल असिस्टेंस पास करवाई थी. इसके अलावा 750 से ज्यादा फर्जी लाभार्थियों के नामों पर बैंक अकाउंट खोले गए और उन्हीं में पैसे ट्रांसफर किए गए.
कॉर्पोरेशन से पैसे निकालकर कई कंपनियों में किया गया ट्रांसफर
ईडी के अधिकारियों ने कहा कि जो पैसा कर्नाटक भोवी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन से निकाला गया, उसे अलग-अलग कंपनियों जैसे आदित्य एंटरप्राइजेज, सोमनाथेश्वरा एंटरप्राइजेज, न्यू ड्रीम्स एंटरप्राइजेज, हर्न्तिहा क्रिएशंस और अन्निका एंटरप्राइजेज में ट्रांसफर किया गया.
ये कंपनियां बीके नागराजप्पा और उनके जानकारों के कंट्रोल में थी. इसके बाद इस पैसे से प्रॉपर्टी खरीदी गई. बिचौलियों को पेमेंट किया गया और बाकी पैसा अन्य लोगों और कंपनियों के खातों में डाइवर्ट कर दिया गया.
मामले में दो मुख्य आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
ईडी ने पहले ही इस केस में बीके नागराजप्पा को 5 अप्रैल, 2025 और आर लीलावती को 12 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया था. दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. इस मामले में फिलहाल ईडी की जांच जारी है. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि आने वाले समय में इस मामले में और गिरफ्तारी हो सकती है.