Iran Israel Ceasefire: भारत, चीन, रूस और आठ अन्य सदस्य देशों वाले ‘ब्रिक्स’ समूह ने ईरान के खिलाफ सैन्य हमलों पर ‘गंभीर चिंता’ व्यक्त की है और शांति की अपील की है. इस प्रभावशाली मंच ने संबंधित पक्षों से बातचीत और कूटनीति के माध्यम से युद्ध की स्थिति में सुधार का आग्रह किया. अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अटैक कर दिया था. इसके बाद ईरान और इजरायल के बीच युद्ध और तेज हो गया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को ईरान और इजराइल के बीच युद्धविराम की घोषणा की, जिसके बुधवार को भी जारी रहने की संभावना है. ब्रिक्स ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘हम 13 जून से ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान’ के खिलाफ सैन्य हमलों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन है.’’
भारत ने भी जाहिर की चिंता
भारत ने भी ईरान और इजरायल के मामले पर चिंता जाहिर की है. ब्रिक्स के बयान में कहा गया, ‘‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के साथ-साथ विश्व अर्थव्यवस्था के लिए अप्रत्याशित परिणामों के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर, हम हिंसा के चक्र को तोड़ने और शांति बहाल करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हैं.’’
समूह ने सभी पक्षों से मौजूदा संवाद और कूटनीति के माध्यम से बातचीत करने का आह्वान किया, ताकि स्थिति में सुधार हो और शांतिपूर्ण तरीकों से मतभेदों को सुलझाया जा सके. इस मंच ने शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों के खिलाफ किसी भी हमले पर गंभीर चिंता भी व्यक्त की, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रासंगिक प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए किए जाते हैं.
टिप्पणियों को अमेरिका और इजराइल दोनों के खिलाफ निर्देशित माना जाता है, क्योंकि दोनों पक्षों ने ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हमले किए हैं. मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से मिलकर बने ब्रिक्स ने 2024 में मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया, जिसमें इंडोनेशिया 2025 में शामिल हो गया.
ब्रिक्स ने कहा, ‘‘लोगों और पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए सशस्त्र संघर्षों सहित परमाणु सुरक्षा, सुरक्षा और संरक्षा को हमेशा बनाए रखा जाना चाहिए. इस संदर्भ में, हम क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से कूटनीतिक पहलों के लिए अपना समर्थन दोहराते हैं.’’