Pope Francis Death News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब अपनी न्यू इमीग्रेशन पॉलिसी के तहत अवैध रूप से रह रहे लोगों को डिपोर्ट करना शुरू किया तो दुनियाभर में इसकी चर्चा हुई. पोप फ्रांसिस ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी और इसे ‘गरिमा का उल्लंघन’ करार दिया. पोप फ्रांसिस ने पॉलिसी की कड़ी आलोचना की थी. उन्होंने एक बार यह भी कहा था कि ट्रंप ईसाई नहीं हैं क्योंकि वह अप्रवासियों को देश से बाहर निकालने की बातें करते हैं.
राष्ट्रपति चुनाव प्रचार से ही वह ट्रंप के एंटी इमिग्रेशन प्लान के खिलाफ थे. 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले अवैध अप्रवासियों पर एक्शन लिया और उनको निर्वासित करना शुरू कर दिया. पद संभालने के महीने में ही ट्रंप ने 37,660 अवैध रूप से रह रहे लोगों को डिपोर्ट किया, जिनमें से 332 भारतीय भी शामिल थे.
भारतीयों को जंजीरों से हाथ-पैर बांधकर भेजा गया था. विपक्ष ने जमकर यह मुद्दा उठाया और सरकार पर भी हमला बोला. पोप फ्रांसिस ने भी ट्रंप की न्यू इमिग्रेशन पॉलिसी का विरोध किया था. उन्होंने अमेरिकन बिशप को भी पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की थी उन्होंने कहा था कि कठिन परिस्थितियों से आने वाले लोगों को डिपोर्ट करना उनकी गरिमा का उल्लंघन करना है. पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में सोमवार (21 अप्रैल, 2025) को निधन हो गया है. वह लंबे समय से बीमार थे.
पोप फ्रांसिस ने कहा था कि मास डिपोर्टेशन की नीति के चलते अमेरिका में जो हालात हैं, उस पर उनकी करीब से नजर है और बलपूर्वक बनाई गई किसी भी पॉलिसी की शुरुआत और अंत दोनों बहुत बुरे होते हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कैंपेन में भी बार-बार एंटी इमिग्रेशन प्लान की बात की थी, तब भी पोप फ्रांसिस ने उनके प्लान की काफी आलोचना की थी.
साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में भी डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार में अवैध अप्रवासियों को देश से निकालने की बात कही थी, तब पोप फ्रांसिस ने कहा था कि ट्रंप ईसाई नहीं हैं क्योंकि उन्होंने चुनाव प्रचार में अधिक अप्रवासियों को डिपोर्ट करने और मेक्सिको बॉर्डर पर लंबी दीवार बनाने का वादा किया है.
पिछले साल हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दोनों उम्मीदवारों- कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप में से पोप फ्रांसिस ने किसी का समर्थन नहीं किया था उन्होंने दोनों को जीवन के खिलाफ बताया था. कमला हैरिस के लिए यह टिप्पणी उन्होंने इसलिए की क्योंकि कमला हैरिस ने अबॉर्शन राइट्स का सपोर्ट किया था, जबकि ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों पर नकेल कसने का वादा किया था. पोप फ्रांसिस ने वोटर्स से अपील की थी कि दोनों में से उसको चुनें जो कम बुरा हो.
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