रूस के कामचटका प्रायद्वीप पर बुधवार (30 जुलाई, 2025) को आए 8.8 तीव्रता वाले भूकंप ने पूरे प्रशांत महासागर को हिला कर रख दिया है. इस भूकंप की ताकत इतनी थी, जिससे इसने प्रशांत महासागर में सुनामी के खतरा पैदा कर दिया और यह सुनामी का खतरा आसपास के 12 देशों पर है, जिसके कारण लाखों लोगों की जिंदगी अधर में लटकी है. आइए आपको बतातें हैं कि क्या है प्रशांत महासागर और ओखोत्सक सागर की कहानी, जो दुनिया के 12 देशों को प्रभावित कर सकता है.
प्रशांत महासागर इस दुनिया का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है. यह 165.25 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला है, जिसकी औसतन गहराई 4,280 मीटर है. यह महासागर इतना विशाल है कि यह एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका को जोड़ता है. वहीं, इस महासागर का एक छोटा सा हिस्सा ओखोत्सक सागर है, जो इसके उत्तर-पश्चिमी हिस्से में है.
ओखोत्सक सागर कहां है?
यह ओखोत्सक सागर 1.58 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला है, इसकी औसतन गहराई 859 मीटर है और अधिकतम गहराई 3,372 मीटर है. यह रूस के कामचटका प्रायद्वीप, कुरील द्वीप, जापान के होक्काइडो द्वीप, सखालिन द्वीप और पूर्वी साइबेरिया के तटीय इलाकों से घिरा है. इसके अलावा, यह सागर जापान सागर से ला पेरोस स्ट्रेट और सखालिन खाड़ी के जरिए जुड़ा है.
प्रशांत महासागर का दिल कहा जाता है ‘ओखोत्सक सागर’
ओखोत्सक सागर को प्रशांत महासागर का दिल कहा जाता है, क्योंकि यह सागर प्रशांत महासागर में ऑक्सीजन, ठंडा पानी और पोषक तत्व भेजता है, इससे महासागर के समुद्री जीवन को काफी बढ़ावा मिलता है. हालांकि, यही इलाका अपनी जैविक समृद्धि के साथ भूकंपीय गतिविधियों के लिए खासतौर पर जाना जाता है. दुनिया के 90 प्रतिशत भूकंप इसी इलाके में आते हैं. ऐसे में जब भूकंप के कारण समुद्र का तल हिल जाता है, तो इससे सुनामी की लहरें पैदा होती हैं.
क्या होता है पैसिफिक रिंग ऑफ फायर?
प्रशांत महासागर के चारों ओर एक घेरा है, जहां पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती हैं. यह घेरा चिली से शुरू होता है और दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, मेक्सिको, अमेरिका के पश्चिमी तट, अलास्का, जापान, फिलीपींस, न्यू गिनी और न्यूजीलैंड तक फैला हुआ है. इसे पैसिफिक रिंग ऑफ फायर कहा जाता है. दुनिया में जो भूकंप आते हैं, उनमें से 90 फीसदी इसी इलाके में आते हैं. ओखोत्सक सागर इस रिंग का एक हिस्सा है, जो कामचटका और कुरील द्वीपों के पास भूकंपीय रूप से बहुत सक्रिय है.
12 देशों को भूकंप और सुनामी से तबाही का खतरा
प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) ने कहा, “रूस के कामचटका प्रायद्वीप का आया भूकंप इतना ताकतवर था कि इसने रूस, जापान, हवाई, कैलिफोर्निया, अलास्का, सोलोमन द्वीप, चिली, इक्वाडोर, पेरू, फिलीपींस, गुआम, और न्यूजीलैंड जैसे 12 देशों को सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है. वहीं, इन सभी देशों के तटीय इलाकों में लाखों लोगों की जिंदगी अधर में लटकी है.