<p style="text-align: justify;">अब अगर कोई पूर्व सरकारी कर्मचारी, जो अब किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) में काम कर रहा है, वहां कोई गंभीर गड़बड़ी करता है, तो उसकी पहले की सरकारी नौकरी से जुड़ी रिटायरमेंट पेंशन भी जब्त की जा सकती है. सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों में संशोधन करते हुए इस नए प्रावधान को लागू किया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या कहता है नया नियम?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर (DoPPW) द्वारा 22 मई को जारी अधिसूचना के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी किसी PSU में स्थायी रूप से समाहित होने के बाद वहां से गलत आचरण या अनुशासनहीनता के चलते निकाला जाता है, तो उस पर सरकारी नौकरी के दौरान अर्जित पेंशन लाभों की भी जब्ती लागू हो सकती है. यह फैसला संबंधित मंत्रालय की समीक्षा के बाद लिया जाएगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पहले क्या था नियम?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पहले, अगर किसी कर्मचारी को PSU में काम करते हुए निकाला जाता था, तो उसकी सरकारी नौकरी से जुड़ी पेंशन और अन्य रिटायरमेंट लाभ प्रभावित नहीं होते थे. नियम 37(29)(c) के तहत यह स्पष्ट था कि PSU में अनुशासनात्मक कार्रवाई से सरकारी नौकरी की पेंशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. लेकिन अब इस नियम को बदलकर नया प्रावधान लागू कर दिया गया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुआ बदलाव</strong></p>
<p style="text-align: justify;">यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट के 9 जनवरी 2023 के आदेश के बाद किया गया है. यह आदेश "सुरज प्रताप सिंह बनाम CMD BSNL" मामले में दिया गया था, जिसमें पेंशन लाभों को लेकर स्पष्टता मांगी गई थी. अदालत के निर्देशों के अनुसार नियमों में संशोधन करते हुए अब PSU में निकाले जाने पर भी सरकारी नौकरी की पेंशन रद्द की जा सकती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>किन कर्मचारियों पर लागू होगा यह नियम?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">यह नया नियम उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है जो किसी सरकारी विभाग के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में स्थायी रूप से समाहित (Absorbed) हो चुके हैं. जैसे कि टेलीकॉम विभाग से BSNL, या किसी अन्य विभाग से HAL, BHEL, आदि में ट्रांसफर हुए कर्मचारी.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>समीक्षा का प्रावधान भी रहेगा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">हालांकि, यह फैसला अंतिम नहीं होगा. अगर किसी कर्मचारी को PSU से निकाला जाता है, तो उस फैसले की समीक्षा संबंधित मंत्रालय द्वारा की जाएगी. यानी पेंशन जब्त करने का निर्णय सिर्फ PSU नहीं, बल्कि मंत्रालय की स्वीकृति से ही होगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>PSU कर्मचारियों को और ज्यादा सतर्क रहना होगा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सरकार के इस नए नियम से यह साफ है कि PSU में काम कर रहे पूर्व सरकारी कर्मचारियों को अब अपने आचरण और कार्यशैली में अधिक सतर्कता बरतनी होगी. अनुशासनहीनता या गंभीर गड़बड़ी अब सिर्फ मौजूदा नौकरी ही नहीं, बल्कि बीते वर्षों की मेहनत से मिली सरकारी पेंशन को भी खतरे में डाल सकती है.</p>
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एक गलत कदम और चली जाएगी सरकारी पेंशन, जानिए क्या कहता है सरकार का नया नियम
