एक दिन पहले ट्रंप को नोबल देने की मांग, अब ईरान पर अमेरिकी हमले की निंदा कर रहा पाकिस्तान

एक दिन पहले ट्रंप को नोबल देने की मांग, अब ईरान पर अमेरिकी हमले की निंदा कर रहा पाकिस्तान


Pakistan on US Strike in Iran: पाकिस्तान ने ईरान पर अमेरिकी हवाई हमले की निंदा की है. क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका जताते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान के पास आत्मरक्षा का अधिकार है.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने रविवार (22 जून) को एक बयान जारी किया. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “इजरायल के बाद अमेरिका की ओर से ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी पर किए हमलों की पाकिस्तान निंदा करता है. हम इस क्षेत्र में तनाव के और बढ़ने की आशंका से बेहद चिंतित हैं. हम दोहराते हैं कि यह हमले अंतरराष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हैं. ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत खुद का बचाव करने का वैध अधिकार है.”

जारी तनाव से इलाके में पड़ेंगे गंभीर हानिकारक प्रभाव

बयान में कहा, “ईरान के खिलाफ चल रहे हमलों के कारण तनाव और हिंसा में वृद्धि बेहद परेशान करने वाली है. तनाव बढ़ने से क्षेत्र और उससे परे गंभीर रूप से हानिकारक प्रभाव पड़ेंगे. हम लोगों के जीवन और संपत्तियों का सम्मान करने और संघर्ष को तुरंत खत्म करने की अनिवार्य आवश्यकता पर जोर देते हैं.”

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारी कानूनों का होना चाहिए पालन

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा, “सभी पक्षों को अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का पालन करना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और उद्देश्यों के अनुरूप संवाद और कूटनीति ही इस क्षेत्र में संकट का समाधान निकालने का एकमात्र व्यावहारिक मार्ग है.”

अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर फेसिलिटी को बनाया निशाना

उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने भारतीय समय के अनुसार रविवार (22 जून) को सुबह 4.30 बजे ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया. इनमें फोर्डो, नतांज और एस्फाहान शामिल हैं.

इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि ईरान पिछले 40 साल से अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि हमले के पीछे का मकसद ईरान की न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी को बर्बाद करना था.

वहीं, इस बीच सामने आया पाकिस्तान का यह बयान इसलिए हैरान करने वाला है क्योंकि एक दिन पहले ही उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की वकालत की थी.



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