एक युग का समापन ,जानें क्या कहा विराट कोहली के कोच राजकुमार और उनकी एकेडमी के बच्चों ने

एक युग का समापन ,जानें क्या कहा विराट कोहली के कोच राजकुमार और उनकी एकेडमी के बच्चों ने


भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे विराट कोहली ने 12 मई 2025 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। इस खबर ने क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर दिया, क्योंकि कोहली की फिटनेस और फॉर्म अभी भी शानदार थी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट के माध्यम से यह जानकारी साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा, “सफेद कपड़ों में खेलना एक बहुत ही निजी अनुभव है… जब मैं इस फॉर्मेट से दूर जा रहा हूं, तो यह आसान नहीं है। लेकिन यह सही लगता है।”  

कोच राजकुमार शर्मा की प्रतिक्रिया

विराट कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा ने उनके संन्यास पर कहा, “विराट ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहकर मिसाल कायम की है। हमने अक्सर देखा है कि हमारे क्रिकेटरों का संन्यास अच्छा नहीं होता, लेकिन हर कोई इस तरह संन्यास लेना चाहेगा। वह काफी क्रिकेट खेल सकते थे, उसके अंदर अभी बहुत क्रिकेट बचा है। लेकिन विराट का अंदाज हमेशा ही ऐसा रहा है।”  

विराट कोहली का टेस्ट करियर

  • मैच खेले: 123
  • रन बनाए: 9230 (औसत 46.85)
  • शतक: 30
  • अर्धशतक: 31
  • कप्तानी में जीत: 68 में से 40 मैच 

कोहली का टेस्ट डेब्यू जून 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हुआ था। उनका आखिरी टेस्ट जनवरी 2025 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में था। दिल्ली की जिस एकेडमी में विराट कोहली ने क्रिकेट सीखा और पूरे विश्व में भारत का नाम रौशन किया उस ‘ वेस्ट दिल्ली क्रिकेट एकेडमी ‘ के बच्चों से एबीपी न्यूज ने बात की। 

रियान कहते हैं कि “मैं बहुत शॉक्ड था विराट कोहली के रिटायरमेंट की खबर सुनकर। मैं एक्सपेक्ट कर रहा था कि अभी बहुत कई साल क्रिकेट खेलेंगे क्योंकि उनकी फिटनेस बहुत अच्छी है।” 
मल्लिका कहती हैं कि “ऑनलाइन होने के नाते यह लम्हा हमारे लिए डिसएप्वाइंटिंग है। चाहते थे उन्हें और टेस्ट मैचेज खेलते हुए देखना।” 
कृष कहते हैं कि “मुझे पर्सनली लगता है कि विराट कोहली के पास अभी कुछ और साल थे अच्छा क्रिकेट खेलने के लिए। मेरा मानना है कि उन्होंने संन्यास थोड़ा जल्दी ले लिया।” 

आर्यवीर कोहली (विराट का भतीजा) कहते हैं कि “मैं भी बाकियों की तरह निराश हूं कि अपने टेस्ट क्रिकेट मैच में देखने को नहीं मिलेगा अब तक उन्हें बचपन से देखते आ रहे हैं।” 
गुनमय मनचंदा कहते हैं कि “मैं उनके डिसीजन को लेकर भावुक हूं, उनकी प्रसेंस को बहुत मिस करेंगे।” 

ऋद्धि मिश्रा कहती हैं कि “एकदम से उन्होंने बता दिया कि संन्यास ले रहे हैं, पहले ऐसा नहीं बताया था जिस वजह से मैं शॉक्ड हूं।” 

अधूरे रह गए सपने

विराट कोहली का लक्ष्य टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने का था, लेकिन वह 9230 रन पर ही रुक गए। इसके अलावा, इंग्लैंड में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज बनने का मौका भी उनके पास था, लेकिन संन्यास के कारण यह सपना अधूरा रह गया।  

विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग का अंत है। उनकी उपलब्धियां और योगदान हमेशा याद किए जाएंगे। हालांकि उनके संन्यास से फैंस और कोच निराश हैं, लेकिन कोहली ने अपने फैसले से एक मिसाल कायम की है कि कैसे एक खिलाड़ी अपने करियर के चरम पर भी संन्यास लेकर नई राह चुन सकता है। 
उनका यह निर्णय आने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।



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